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केंद्रीय गृह मंत्री एआरडीबी और आरसीएस की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का करेंगे शुभारंभ

केंद्रीय गृह मंत्री एआरडीबी और आरसीएस की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का करेंगे शुभारंभ
  • PublishedJanuary 29, 2024

सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एआरडीबी और आरसीएस कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाए गए कई महत्वपूर्ण कदमों में से एक है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार (30 जनवरी) को नई दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (ARDB) और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (RCS) की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे। यह परियोजना पूरे सहकारी इकोसिस्टम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर सहकारिता क्षेत्र के आधुनिकीकरण और दक्षता को बढ़ाएगी।

पीएम मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा अहम कदम

सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एआरडीबी और आरसीएस कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाए गए कई महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। इस संबंध में सहकारिता मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से सहकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

1,200 से अधिक प्रतिभागी होंगे शामिल

कार्यक्रम में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित 1200 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। एआरडीबी की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का लक्ष्य 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित एआरडीबी की 1851 इकाइयों को कम्प्यूटरीकृत करना और उन्हें एक सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड (NABARD) से जोड़ना है। सहकारिता मंत्रालय की इस पहल से परिचालन दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी।

केवल इतना ही नहीं देशभर में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में ऑनबोर्ड कर डिजिटल सेवाएं शुरू करने में भी सक्षम बनाया जा रहा है। अब तक 50,000 से अधिक पीएसीएस, सीएससी के रूप में ऑनबोर्ड हो चुके हैं और 30,000 से अधिक ने सेवाएं देना भी शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, सहकारिता मंत्रालय ने एक नया राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस स्थापित किया है, जिसमें 8 लाख से अधिक सहकारी समितियों का डेटा उपलब्ध है और इस डेटाबेस को जल्द ही लॉन्च कर इसे सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।