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राजस्थान, मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच हुआ समझौता, पेयजल और सिंचाई के क्षेत्र में होगी प्रगति

राजस्थान, मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच हुआ समझौता, पेयजल और सिंचाई के क्षेत्र में होगी प्रगति
  • PublishedJanuary 29, 2024

मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच बहुप्रतीक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल लिंक प्रोजेक्ट (ERCP) पर रविवार (28 जनवरी) को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है। इस प्रोजेक्ट से दोनों राज्यों में पांच लाख 80 हजार से ज्यादा हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 30-40 साल तक लाखों लोगों को पेयजल की सुविधा स्थाई रूप से मिलने वाली है।

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सीएम भजन लाल शर्मा, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव तथा मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जल शक्ति मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में, इस परियोजना को लागू करने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों के बीच आम सहमति बनाने के लिए पिछले कुछ वर्षों के दौरान जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गहन बातचीत की गयी थी। दोनों राज्यों के बीच सर्वसम्मति अंतर-राज्य सहयोग का प्रदर्शन है, जिससे केन की तर्ज पर चंबल बेसिन में संयुक्त विकास और अंतर-बेसिन जल हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने दोनों राज्यों से अनुरोध किया कि वे संबंधित राज्यों द्वारा विभिन्न घटकों की डीपीआर को जल्द से जल्द अंतिम रूप दें ताकि लिंक परियोजना का कार्यान्वयन जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत पार्बती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट (एफआर) तैयार की गई और फरवरी-2004 में संबंधित राज्य सरकारों को वितरित की गई। साल 2019 में राजस्थान ईआरसीपी का प्रस्ताव लेकर आया। जल संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने की दृष्टि से, नदियों को जोड़ने के लिए टास्क फोर्स की 11 वीं और 12 वीं बैठक में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के साथ एनपीपी के पार्बती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक के एकीकरण पर चर्चा की गई। इसके बाद, पीकेसी लिंक के साथ ईआरसीपी के एकीकरण के मुद्दे पर विभिन्न प्लेटफार्मों पर राज्यों के साथ नियमित रूप से विचार-विमर्श किया गया। संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना के महत्व और उपयोगिता को देखते हुए, नदियों को जोड़ने के लिए विशेष समिति (एससीआईएलआर) ने 13 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित अपनी 20 वीं बैठक में देश में नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के हिस्से के रूप में “संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी” लिंक को मंजूरी दे दी है और इसे प्राथमिकता लिंक परियोजनाओं में से एक घोषित किया है।

बता दें कि इस लिंक परियोजना में 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान करने के अलावा पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्रों के 13 जिलों में पीने और औद्योगिक पानी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। दोनों राज्यों में प्रत्येक क्षेत्र (या अधिक) (कुल 5.6 लाख हेक्टेयर या अधिक) जिसमें राज्यों में मार्गगत टैंकों की पूर्ति भी शामिल है। संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना चंबल बेसिन के उपलब्ध जल संसाधनों का सर्वोत्तम और आर्थिक रूप से उपयोग करने में मदद करेगी।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, “मध्य प्रदेश के सूखे क्षेत्र को न केवल पानी मिलेगा बल्कि सिंचाई के क्षेत्र में भी प्रगति होगी। यह मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के लिए वरदान की तरह है।”