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भारत और सऊदी अरब ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने का लिया संकल्प, विभिन्न पहलुओं पर की चर्चा

भारत और सऊदी अरब ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने का लिया संकल्प, विभिन्न पहलुओं पर की चर्चा
  • PublishedFebruary 8, 2024

बताना चाहेंगे रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट सऊदी अरब की मेजबानी में चल रहे पांच दिवसीय विश्व रक्षा शो (डब्ल्यूडीएस) में हिस्सा लेने के लिए रियाद की यात्रा पर गए हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद के साथ बैठक करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है।

भारत और सऊदी अरब ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने का संकल्प लिया है। इस संबंध में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद के बीच बैठक हुई जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

पांच दिवसीय विश्व रक्षा शो में हिस्सा लेने पहुंचे रक्षा राज्य मंत्री

बताना चाहेंगे रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट सऊदी अरब की मेजबानी में चल रहे पांच दिवसीय विश्व रक्षा शो (डब्ल्यूडीएस) में हिस्सा लेने के लिए रियाद की यात्रा पर गए हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद के साथ बैठक करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है।

रक्षा राज्य मंत्री ने सऊदी अरब सैन्य उद्योग के मंडप का किया दौरा

रक्षा राज्य मंत्री ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे बहुआयामी रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर वार्ता की और सऊदी अरब सैन्य उद्योग के मंडप का भी दौरा किया।

4 से 8 फरवरी तक सऊदी अरब में ‘विश्व रक्षा शो’

विश्व रक्षा शो 4 फरवरी को शुरू हुआ था और 8 फरवरी को समाप्त होगा। भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों का प्रमाण देते हुए रक्षा राज्य मंत्री इस समय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रियाद में हैं। यह पांच दिवसीय शो इसमें भाग लेने वाली कंपनियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करते हुए रक्षा प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति का प्रदर्शन कर रहा है। भारत सरकार की ओर से रक्षा राज्य मंत्री ने इस प्रभावशाली कार्यक्रम की मेजबानी के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व को शुभकामनाएं दीं।

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर की चर्चा

रक्षा राज्य मंत्री ने 6 फरवरी को सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद के साथ बैठक करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। अजय भट्ट ने सऊदी अरब के सहायक रक्षा मंत्री डॉ. खालिद अल-बयारी से भी बातचीत करके दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे और बहुआयामी रक्षा सहयोग को और सुदृढ़ करने के उपायों पर चर्चा की। यह चर्चा संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के दायरे को बढ़ाने सहित पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग के मार्ग खोजने पर केंद्रित थी।

सभी चर्चाओं में दोनों पक्षों ने उभरते सुरक्षा परिदृश्य की गहरी समझ की साझा

इसके अतिरिक्त रक्षा राज्य मंत्री ने सऊदी अरब के जनरल अथॉरिटी फॉर मिलिट्री इंडस्ट्रीज (जीएएमआई) के गवर्नर अहमद अब्दुलअज़ीज़ अल-ओहाली के साथ बैठक की। उन्होंने विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के अलावा रक्षा उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने विश्व रक्षा शो के अवसर पर सऊदी अरब सैन्य उद्योग (सऊदी मिलिट्री इंडस्ट्री-एसएएमआई) के मंडप का भी दौरा किया। सभी चर्चाओं में दोनों पक्षों ने उभरते सुरक्षा परिदृश्य की गहरी समझ साझा की और क्षेत्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत साझेदारी के पारस्परिक लाभों को पहचानने के साथ-साथ विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

भारत-सऊदी अरब साझेदारी अब निरंतर होती रहेगी मजबूत

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-सऊदी अरब साझेदारी अब निरंतर मजबूत होती रहेगी और क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। रक्षा राज्य मंत्री ने डिफेंस शो में भाग लेने वाली भारतीय रक्षा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा कंपनियों की भागीदारी न केवल सहयोग वृद्धि में योगदान देगी बल्कि स्थायी साझेदारी बनाकर दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग को और अधिक विकसित करेगी। उन्होंने सऊदी अरब में प्रमुख भारतीय और सऊदी व्यापारिक हस्तियों के साथ एक बिजनेस नेटवर्किंग कार्यक्रम में भी भाग लिया।

भारत का ‘आत्मनिर्भर भारत’ और सऊदी अरब का ‘विज़न 2030’ हो सकते हैं लाभकारी

रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारत का ‘आत्मनिर्भर भारत’ और सऊदी अरब का ‘विज़न 2030’ ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं, जो दोनों पक्षों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी हो सकते हैं। दोनों ही पहलें तकनीकी प्रगति, स्वदेशी क्षमताओं और ज्ञान साझाकरण को प्राथमिकता देती हैं। दोनों पक्षों ने रेखांकित किया है कि इन क्षेत्रों में विशेष रूप से रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और संयुक्त उत्पादन में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। इस यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में अंतर्निहित शक्ति की पुष्टि करने के साथ ही सहयोग के नए रास्ते खोले हैं और सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य के लिए साझा प्रतिबद्धताओं को भी मजबूत किया है।