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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 को भारत सरकार ने बताया- ‘भुखमरी का गलत पैमाना’

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 को भारत सरकार ने बताया- ‘भुखमरी का गलत पैमाना’
  • PublishedOctober 13, 2023

12 अक्टूबर, 2023 को जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2023 में भारत को 125 देशों में से 111वां स्थान दिया गया है, जिसमें देश में Child Wasting Rate 18.7 प्रतिशत रखी गई है। इस इंडेक्स के हवाले से भारत की स्थिति साल 2022 से और ज्यादा खराब बताई गई है। याद हो, पिछले साल इस सूचकांक में भारत को 107वें स्थान पर रखा गया था। लेकिन भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को फर्जी और इसे दुर्भावनापूर्ण कहा है।

पिछले साल की रिपोर्ट पर सरकार ने उठाए थे सवाल

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की रिपोर्ट को लेकर पिछले साल भी सवाल उठे थे। तब भारत सरकार ने कहा था कि गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क लगता है। यह इंडेक्स भुखमरी को गलत तरीके से मापता है। इसमें जो मेथड इस्तेमाल किया जाता है वह भी गंभीर रूप से गलत है।

सरकार ने सूचकांक को भुखमरी का गलत पैमाना बताया

वहीं इस बार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूचकांक को भुखमरी का एक गलत पैमाना बताते हुए कहा है- यह भारत की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता। इसमें ढेर सारी गंभीर पद्धतिपरक कमियां हैं। इस सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन संकेतक दरअसल बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं, अतः ये निश्चित रूप से पूरी आबादी के स्वास्थ्य को नहीं बता सकते हैं। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक ‘कुपोषित (पीओयू) जनसंख्या का अनुपात’ 3,000 के बहुत छोटे नमूना आकार पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है।

कुपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रमुख गतिविधियों को दी प्राथमिकता

मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (मिशन पोषण 2.0) के तहत कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए कई प्रमुख गतिविधियों को प्राथमिकता दी है। ‘पोषण ट्रैकर’ आईसीटी एप्लिकेशन को विकसित और लागू किया है। 13.96 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को पंजीकृत किया गया है, जिससे 10.3 करोड़ से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं, जिनमें गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और किशोर लड़कियां शामिल हैं।

‘पोषण ट्रैकर’ आईसीटी एप्लिकेशन विकसित और लागू की

पोषण ट्रैकर में डब्ल्यूएचओ की विस्तारित तालिकाओं को शामिल किया गया है, जो बच्चे की ऊंचाई, वजन, लिंग और उम्र के आधार पर स्टंटिंग, वेस्टिंग, कम वजन और मोटापे की स्थिति दिन-आधारित जेड-स्कोर प्रदान करते हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में विकास मापदंडों को मापने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर और विश्व बैंक बिल, मिलिंडा और गेट्स फाउंडेशन आदि के माध्यम से चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जिसके लिए देश के प्रत्येक आंगनवाड़ी में विकास माप उपकरण प्रदान किए गए हैं।

भारत का ‘पोषण ट्रैकर’ बना गेम-चेंजर

मंत्रालय के अनुसार यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और विश्व बैंक जैसे कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने पोषण ट्रैकर को पोषण के क्षेत्र में गेम-चेंजर के रूप में स्वीकार किया है। विश्व बैंक और यूनिसेफ ने पोषण ट्रैकर के संचालन में सहायता के लिए मंत्रालय के साथ मिलकर सहयोग किया है। अप्रैल 2023 से, पोषण ट्रैकर पर अपलोड किए गए 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का माप डेटा लगातार बढ़ा है। अप्रैल 2023 में बच्चों की संख्या 6.34 करोड़ से सितंबर 2023 में 7.24 करोड़ हो गया।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की तुलना में पोषण ट्रैकर कितना सफल ?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में चाइल्ड वेस्टिंग यानि लंबाई के अनुरूप वजन कम होने के लिए उपयोग किए जाने वाले 18.7 प्रतिशत के मूल्य की तुलना में पोषण ट्रैकर, महीने-दर-महीने लगातार 7.2 प्रतिशत से नीचे रहा है। अप्रैल 2023 से, पोषण ट्रैकर पर अपलोड किए गए 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का माप डेटा लगातार बढ़ा है – अप्रैल 2023 में 6.34 करोड़ (63.4 मिलियन) से सितंबर 2023 में 7.24 करोड़ (72.4 मिलियन) हो गया।

G20 की अध्यक्षता के अंतर्गत, सदस्य राज्यों ने भारत के पोषण ट्रैकर पर दिया खास ध्यान

भारत की G20 अध्यक्षता के अंतर्गत, सदस्य देशों ने भारत के पोषण ट्रैकर पर खास ध्यान दिया। यह एक अद्वितीय डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफॉर्म वास्तविक समय की निगरानी और लक्षित हस्तक्षेप के लिए नीतियों को सक्षम करने के लिए डेटा को डिजिटल बनाने का प्रयास करता है। केवल इतना ही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी पोषण ट्रैकर को पोषण पर नियमित प्रशासनिक डेटा को त्रुटिहीन रूप से एकत्र करने के लिए एक अनुकरणीय मंच के रूप में मान्यता प्रदान की है।

पोषण ट्रैकर पर अपलोड किया गया बच्चों का माप डेटा लगातार बढ़ा

अप्रैल 2023 से, पोषण ट्रैकर पर अपलोड किए गए 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का माप डेटा लगातार बढ़ा है। यह डेटा अप्रैल 2023 में 6.34 करोड़ (63.4 मिलियन) से सितंबर 2023 में 7.24 करोड़ (72.4 मिलियन) हो गया। वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में चाइल्ड वेस्टिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले 18.7 प्रतिशत के मूल्य की तुलना में पोषण ट्रैकर, महीने-दर-महीने लगातार 7.2 प्रतिशत से नीचे रहा है।

कुपोषण दूर करने को सरकार ने भरा गरीबों का पेट

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने देश में कोविड-19 के प्रकोप के कारण उत्पन्न आर्थिक बाधाओं के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के विशिष्ट उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) शुरू की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर्गत मुफ्त खाद्यान्न का आवंटन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के अंतर्गत किए गए सामान्य आवंटन के अतिरिक्त था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत लगभग 1118 लाख मीट्रिक टन (111.8 मिलियन मीट्रिक टन) खाद्यान्न की कुल मात्रा आवंटित की गई थी।

सरकार ने चलाया दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम

वित्त वर्ष 2020-21 से 2022-23 के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के (चरण I-VII) लगभग 3.91 लाख करोड़ (3910 अरब रुपये) के नियोजित वित्तीय परिव्यय के साथ 28 महीने की अवधि के लिए निर्धारित किया गया था, जिससे लगभग 80 करोड़ (800 मिलियन) व्यक्तियों को लाभ हुआ। 1 जनवरी 2023 से शुरू होकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत एएवाई (अंत्योदय अन्न योजना) परिवारों और पीएचएच (प्राथमिकता वाले परिवार) लाभार्थियों को लगभग रु. 2 लाख करोड़ (2000 अरब रुपये) आवंटित किए गए। यह दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है।