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सांसद खेल प्रतियोगिता के समापन पर पीएम मोदी ने दिया संदेश, कहा- टेलेंट को खुलकर आगे आने का मिल रहा मौका

सांसद खेल प्रतियोगिता के समापन पर पीएम मोदी ने दिया संदेश, कहा- टेलेंट को खुलकर आगे आने का मिल रहा मौका
  • PublishedOctober 13, 2023

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेठी सांसद खेल-कूद प्रतियोगिता के समापन सत्र के मौके पर वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि देश में खेलों के लिए यह महीना बड़ा शुभ है। हमारे खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में मेडल की सेंचुरी लगा दी है। इन आयोजनों के बीच अमेठी के खिलाड़ियों ने भी खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर उन्होंने सांसद खेल-कूद प्रतियोगिता में शामिल हुए सभी खिलाड़ियों को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि बीते 25 दिनों में आपको जो अनुभव मिला है, वो आपके स्पोर्टिंग करियर की बहुत बड़ी पूंजी है। एक लाख से ज्यादा खिलाड़ियों का जुटना, वो भी इतने छोटे से एरिया में यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इस अवसर पर उन्होंने अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी को सांसद खेल प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

पीएम ने कहा किसी भी समाज के विकास के लिए ये बहुत आवश्यक है कि वहां खेलों का विकास हो, वहां खेल और खिलाड़ियों को फलने-फूलने का अवसर मिले। लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना, हारने के बाद फिर से प्रयास करना, टीम के साथ जुड़कर आगे बढ़ना, व्यक्तित्व विकास की ये सारी भावनाएं खेलों के माध्यम से सहज तरीके से युवाओं में विकसित होती हैं। भाजपा के सैकड़ों सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर समाज और देश के विकास का नया रास्ता तैयार किया है। इन प्रयासों का परिणाम देश को आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।

नरेन्द्र मोदी ने कहा जब कोई खिलाड़ी मैदान में उतरता है तो उसका सिर्फ एक ही लक्ष्य होता है वो कैसे खुद को, अपनी टीम को विजयी बनाए। आज पूरा देश खिलाड़ियों की तरह ही सोच रहा है। खिलाड़ी भी जब खेलते हैं तो राष्ट्र प्रथम की सोच रखते हैं। उस क्षण वो सब कुछ दांव पर लगाकर देश के लिए ही खेलते हैं, इस समय देश भी एक बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहा है। भारत को विकसित बनाने में देश के हर जिले के हर नागरिक की भूमिका है। इसके लिए हर क्षेत्र को एक भाव, एक लक्ष्य और एक संकल्प से आगे बढ़ना पड़ेगा। इसी सोच से हम देश में आप जैसे युवाओं के लिए TOPS स्कीम और खेलो इंडिया गेम्स जैसी योजनाएं चला रहे हैं।

आज सैकड़ों एथलीट्स को TOPS स्कीम के तहत देश विदेश में ट्रेनिंग और कोचिंग दिलाई जा रही है। इन प्लेयर्स को करोड़ों रूपये की सहायता दी जा रही है। खेलो इंडिया गेम्स के तहत भी 3 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों को 50 हजार रूपए महीने की मदद दी जा रही है। इससे वो अपनी ट्रेनिंग, डाइट, कोचिंग, किट, जरूरी इक्विपमेंट्स और अन्य खर्च पूरा कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बदलते हुए आज के भारत में छोटे-छोटे शहरों के टेलेंट को खुलकर आगे आने का मौका मिल रहा है। अगर आज स्टार्ट अप्स में भारत का इतना नाम है, तो उसमें छोटे शहरों के स्टार्ट अप्स की बड़ी भूमिका है। बीते वर्षों में आपने देखा होगा कि स्पोर्ट्स की दुनिया में छा जाने वाले बहुत सारे नाम, छोटे शहरों से ही निकलकर आए हैं। ये इसलिए हुआ है क्योंकि आज भारत में पूरी पारदर्शिता से युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। एशियन गेम्स में भी मेडल जीतने वाले एथलीट्स बहुत बड़े बड़े शहरों से नहीं आए हैं। इनमें से बहुत से खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों से ही हैं। उनकी प्रतिभा का सम्मान करते हुए हमने उन्हें हर संभव सुविधाएं दी हैं। उसका परिणाम इन एथलीट्स ने दिया है। हमारे उत्तर प्रदेश की अन्नू रानी, पारुल चौधरी के प्रदर्शन ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। इसी धरती ने देश को सुधा सिंह जैसी एथलीट भी दी हैं। हमें ऐसे ही टैलेंट को बाहर निकालकर, उसे निखारकर आगे बढ़ाना है। और ये ‘सांसद खेल प्रतियोगिता’ इसका भी बहुत बड़ा माध्यम है।