दिल्ली की नियमित कॉलोनियों के लिए वन टाइम संपत्ति कर आम माफी योजना ‘समृद्धि’ का शुभारंभ
उपराज्यपाल ने लोगों से समृद्धि योजना का सक्रिय रूप से लाभ उठाने की अपील की, जो कल से यानि 26.10.2022 से शुरू होगी और बिना किसी और विस्तार के 31.03.2023 को समाप्त हो जाएगी. आम माफी योजना ‘वन प्लस फाइव’ आवासीय संपत्तियों और ‘वन प्लस सिक्स’ गैर-आवासीय संपत्तियों के लिए है. यह योजना शहर में आवासीय और व्यावसायिक संपत्ति मालिकों के लाखों परिवारों को बड़ी राहत प्रदान करगी.
संपत्ति मालिक आवासीय संपत्तियों के मामले में वर्तमान और लंबित पिछले 5 वर्षों की मूल राशि और व्यावसायिक संपत्तियों के मामले में लंबित 6 वर्षों की मूल राशि का भुगतान कर सकते हैं और जुर्माना व ब्याज सहित पिछले सभी लंबित बकाया राशि माफ़ होगी. निगम को एक साल के बाद संपत्ति कर के किसी भी मामले को फिर से खोलने का कोई अधिकार नहीं होगा. यह योजना निवासियों व दिल्ली नगर निगम दोनों के लिए लाभकारी होगी. दिल्ली नगर निगम ‘समृद्धि 2022-23’ से प्राप्त धन का उपयोग स्वच्छता, सड़कों, शिक्षा और अस्पतालों जैसी सेवाओं के कुशल वितरण और नागरिक सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किया जाएगा.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली की जनता को दिवाली का तोहफा देते हुए मंगलवार को वन टाइम आम माफी योजना 2022-23 ‘समृद्धि’ (स्ट्रेंथनिंग एंड ऑगमेंटेशन ऑफ म्युनिसिपल रेवेन्यू फोर इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट इन दिल्ली) की घोषणा की. श्री सक्सेना के नेतृत्व में बहुत विचार-विमर्श के बाद इस योजना की परिकल्पना की गई जिसका उद्देश्य हजारों लंबित अदालती मामलों क निपटारा करना है जो 2004 से नागरिकों के साथ-साथ दिल्ली नगर निगम के लिए परेशानी का कारक साबित हो रहे हैं. यह योजना के तहत दिल्ली नगर निगम द्वारा द्वारा संपत्ति मालिकों को राजस्व सृजन में एक भागीदार के रूप में लाने का प्रयास है जिससे निगम को बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण और जनता को कुशल नागरिक सेवा प्रदान करने में सहायक मिलेगी. 26 अक्टूबर 2022 से शुरू हो रही समृद्धि योजना 2022-23 की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1) आम माफी योजना के तहत आवासीय संपत्तियों के लिए ‘वन प्लस फाइव’ और गैर-आवासीय संपत्तियों के लिए ‘वन प्लस सिक्स’ है. ‘वन प्लस फाइव’ योजना के अनुसार आवासीय संपत्तियों के करदाताओं को वर्तमान वर्ष और पिछले 5 वर्षों (यानि वित्त वर्ष 2022-23 + वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22) के संपत्ति कर की मूल राशि का भुगतान करना होगा, बकाया कर राशि पर 100% ब्याज और जुर्माने पर छूट दी जाएगी और वर्ष 2017-18 से पहले की सभी बकाया देय राशि माफ़ होगी.
2) इसी तरह ‘वन प्लस सिक्स’ योजना के तहत गैर-आवासीय संपत्तियों के मालिकों को वर्तमान वर्ष और पिछले 6 वर्षों (यानि वित्तीय वर्ष 2022-23 + वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021-22) के संपत्ति कर की मूल राशि का भुगतान करना होगा, बकाया कर राशि पर 100% ब्याज और जुर्माने पर छूट दी जाएगी और वर्ष 2016-17 से पहले की सभी बकाया देय राशि माफ़ होगी.
3) इस योजना के अनुसार, यदि कोई करदाता पहले ही वर्ष 2017-18 या वर्ष 2016-17 के बाद से किसी भी वर्ष का बकाया कर राशि का भुगतान कर चुका है, लेकिन उसे निगम के कर रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया है, तो उन्हें भुगतान का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा ताकि कर रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके. हालांकि, ऐसे मामले जहां मूलधन, ब्याज और जुर्माने का भुगतान, योजना शुरू होने से पहले ही कर दिया गया है, उसका पुनः निर्धारण नहीं होगा, ना ही दोबारा खोला जाएगा.
4) इस योजना में वर्ष 2017-18 से आवासीय संपत्तियों व वर्ष 2016-17 से गैर-आवासीय संपत्तियों के लिए आगे के वर्षों के लिए कर रिकॉर्ड अपडेट करने के साथ-साथ बकाया देय राशि के निपटान के लिए सुनहरा अवसर प्रदान किया जा रहा है. साथ ही योजना का लाभ केवल उन करदाताओं को मिलेगा जो योजना के अनुसार अपने कर का भुगतान करते हैं. यदि कोई करदाता 31 मार्च, 2023 तक अपने बकाया कर का निपटान करने में विफल रहता है, तो वह वर्ष 2004 या जो भी वर्ष लंबित है, ब्याज और जुर्माने के साथ सभी बकाया कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा और इस योजना के अनुसार किसी भी छूट का हकदार नहीं होगा. ऐसे बकाएदारों के खिलाफ 01.04.2023 से देय कर का भुगतान करने के लिये आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
5) इस योजना में अस्वीकृत चेक (चेकों) के मामले भी शामिल होंगे, जिसमें बैंक खाते और संपत्ति को अटैच करने के साथ-साथ संबंधित नियमों और शर्तों के अधीन किसी भी न्यायालय (न्यायालयों) में मुकदमेबाजी के मामले शामिल हैं.
6) योजना का लाभ उठाने के लिए, करदाता को निर्धारित फॉर्म में ऑनलाइन आवेदन करना होगा और योजना के अनुसार देय राशि का भुगतान ऑनलाइन करना होगा.
7) योजना के तहत कर भुगतान की तिथि से एक वर्ष के भीतर, कर भुगतान की जांच होगी. जांच के दौरान, यदि यह पाया जाता है कि करदाता ने जानबूझकर तथ्यों को छुपाने या तथ्यों को गलत पेश कर, संपत्ति कर की उचित राशि जमा नहीं की है, तो योजना के तहत दिए गए लाभ वापस ले लिए जाएंगे. हालांकि इस संबंध में किसी भी विसंगति को आवेदन प्राप्त होने के एक वर्ष की अवधि के भीतर रखा जा सकता है और उसके बाद विभाग द्वारा इस संबंध में कोई दावा नहीं किया जाएगा और मामले को बंद माना जाएगा.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि समृद्धि 2022-23 दिल्ली नगर निगम द्वारा की गई एक जन हितैषी पहल है, जो अधिकृत और नियमित कॉलोनियों के निवासियों को एक बड़ी राहत प्रदान करेगी और संपत्ति मालिकों को लंबे समय से लंबित विवादों और संबंधित उत्पीड़न से छुटकारा पाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
उपराज्यपाल ने कहा कि यह योजना सभी हितधारकों के लिए समृद्धि लाएगी. उन्होंने कहा कि कर देनदारी में छूट का मतलब है करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा, दिल्ली नगर निगम के लिए अधिक राजस्व होगा जिससे यह दिल्ली के लोगों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए वांछित सिविक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में सक्षम बनाता है.
उन्होंने कहा कि यह आम माफ़ी योजना कर आधार का विस्तार करेगी साथ ही करदाताओं को अपनी बकाया राशि का उचित तरीके से निपटान करने में सक्षम बनाएगी. साथ ही दिल्ली नगर निगम को लंबे समय से लंबित कर बकाया को लागू करने के संबंध में अधिक व्यावहारिक होकर एक उचित कर डेटा बेस बनाने में सक्षम बनाएगी.
दिल्ली नगर निगम ने हाल ही में अनधिकृत कॉलोनियों, अनधिकृत नियमित कॉलोनियों, लाल डोरा, विस्तारित लाल डोरा, गांवों की विस्तारित आबादी और कश्मीरी प्रवासियों को आवंटित संपत्तियों के लिए कार्यालय आदेश दिनांक 14.09.2022 के तहत आम माफ़ी योजना 2022-23 शुरू की है. समृद्धि योजना का उद्देश्य कर आधार का विस्तार करना और दिल्ली के निवासियों को बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान करना है. उपराज्यपाल ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस आम माफ़ी योजना का लाभ उठाएं और समय पर अपना संपत्तिकर जमा कराएं व बकाया राशि का भुगतान करें.