भारत

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ रही मांग, देश में 12,146 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन कर रहे हैं काम

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ रही मांग, देश में 12,146 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन कर रहे हैं काम
  • PublishedFebruary 7, 2024

देशभर में 12,146 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन कार्यान्वित हैं

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती डिमांड के बीच उनके लिए चार्जिंग स्टेशन की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इस बीच देशभर में 12,146 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन कार्यान्वित हैं। दरअसल, भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) भारत में विद्युत चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। फेम-II योजना में अन्य बातों के साथ-साथ ही विद्युत चालित वाहनों के उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास पैदा करने के उद्देश्य से सार्वजनिक रूप से चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी शामिल है।

कहां सबसे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन

देश में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा 3079 के साथ पहले, दिल्ली 1886 के साथ दूसरे और कर्नाटक 1041 ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ तीसरे नंबर पर है।

इसके अलावा, विद्युत मंत्रालय ने देश में सार्वजनिक रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना में तेजी लाने के उद्देश्य से कई पहल की हैं।

चार्जिंग के लिए आवश्यक दिशा निर्देश और मानक

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचा के आवश्यक दिशा निर्देश और मानक जनवरी 2022 में जारी किए गए थे, जिन्हें नवंबर 2022 तथा अप्रैल 2023 में संशोधित किया गया है। उपरोक्त दिशानिर्देशों की व्यापक विशेषताएं इस प्रकार हैं।

–इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली के कनेक्शन का उपयोग करके निवास एवं कार्यालयों में अपने विद्युत चालित वाहनों को चार्ज करने की सुविधा स्थापित करने की स्वीकृति देना।
–सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए उन्नत दरों पर भूमि का प्रावधान करने के लिए राजस्व साझाकरण मॉडल निर्धारित करना।

–सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) को निर्धारित समय सीमा के भीतर बिजली का कनेक्शन प्रदान करना।

iv. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए एकल भाग विद्युत चालित वाहनों का टैरिफ निर्धारित करना और यह 31 मार्च 2025 तक आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) से अधिक नहीं होना चाहिए।

–सौर तथा गैर-सौर घंटों के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर विद्युत चालित वाहनों की धीमी एसी चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की सीमा क्रमशः 2.50 रुपये प्रति यूनिट तथा 3.50 रुपये प्रति यूनिट निर्दिष्ट करती है। इसके अतिरिक्त, सौर एवं गैर-सौर घंटों के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर विद्युत चालित वाहनों की डीसी फास्ट चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की क्रमशः 10/- रुपये प्रति यूनिट व 12/- रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा भी निर्दिष्ट की गई है।

— सौर घंटों के दौरान डिस्कॉम द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (पीसीएस) को आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) पर 20 प्रतिशत की छूट और अन्य सभी समय के दौरान 20 प्रतिशत का अधिभार होगा।

जागरूकता के लिए “गो इलेक्ट्रिक” अभियान

ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियम 2022 को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में और तेजी लाने, सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ तथा हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया है।
विद्युत मंत्रालय ने भारत में विद्युत चालित वाहनों (ईवी), विद्युत चालित वाहनों के लिए चार्जिंग के बुनियादी ढांचे तथा इलेक्ट्रिक कुकिंग के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से फरवरी 2021 में “गो इलेक्ट्रिक” अभियान भी शुरू किया था।

अभी चार्जिंग पॉइंट की संख्या पर कोई वैश्विक सहमति नहीं

नीति आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता इलेक्ट्रिक वाहनों की संरचना, उनके चलने के पैटर्न, इलाके व भूगोल, शहरीकरण स्वरूप और विद्युत चालित वाहन तथा चार्जिंग उपकरणों की तकनीक पर निर्भर करती है। चूंकि ये सभी कारक अभी भी विकसित हो रहे हैं और साथ ही विद्युत चालित वाहन की एक निश्चित संख्या के लिए आवश्यक चार्जिंग पॉइंट की संख्या पर कोई वैश्विक सहमति नहीं है। उपरोक्त कारकों के आधार पर, आवश्यकता को गतिशील माना जाता है और यह प्रति 20 ईवी में 1 चार्जिंग पॉइंट से लेकर प्रति 150 ईवी में 1 चार्जिंग पॉइंट तक की विस्तृत श्रृंखला में होती है।