लोकसभा ने संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया
लोकसभा ने संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान कर उन्हे सशक्त बनाना है। इन समुदायों के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। दरअसल केंद्र सरकार सबका साथ सबका विश्वास के मूलमंत्र के साथ समाज के हर वर्ग और समुदाय के सर्वसमावेशी विकास के प्रति कटिबद्ध है। संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 का पारित होना, इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक आज राज्यसभा में पेश किया जाना है।
लोकसभा द्वारा मंगलवार (5 फरवरी) शाम को जम्मू-कश्मीर अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित विधेयक में क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की सूची में गड्डा ब्राह्मण, कोली, पद्दारी जनजाति और पहाड़ी जातीय समूह को शामिल किया गया है। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य इन समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान कर उन्हे सशक्त बनाना है। ज्ञात हो कि इन समुदायों के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में इन समुदायों को शामिल करने से गुज्जर और बकरवाल जैसे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनको जैसा आरक्षण मिल रहा था, उनका आरक्षण वैसा ही रहेगा।
नई सूचीबद्ध अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण इस प्रकार प्रदान किया जाएगा कि इसका उन समुदायों पर कोई प्रभाव न पड़े जो पहले से ही अनुसूचित जनजातियों के रूप में सूचीबद्ध हैं। संसद द्वारा विधेयक पारित होने के पश्चात, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार आरक्षण पर आवश्यक अधिसूचना जारी करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अनुसूचित जनजातियों की मौजूदा सूची में शामिल लोगों को समान स्तर का आरक्षण मिलता रहे। वहीं लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक आज राज्यसभा में पेश किया जाना है।