अमित शाह आज करेंगे ARBD और RSC कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 30 जनवरी (मंगलवार) को नई दिल्ली में कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 30 जनवरी (मंगलवार) को नई दिल्ली में कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे। 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एआरबीडी की 1851 इकाईयों को कम्प्यूटरीकृत करने और उन्हें एक कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ा जायेगा।
यह परियोजना पूरे सहकारी इकोसिस्टम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर सहकारिता क्षेत्र के आधुनिकीकरण और दक्षता को बढ़ाएगी। साथ ही आरसीएस (RCS) कार्यालयों में बेहतर दक्षता, जवाबदेही, पारदर्शिता और राष्ट्रीय डेटाबेस के साथ जुड़ाव सुनिश्चित होगा। कार्यक्रम में 1200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे, जिनमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के उच्चाधिकारी, सहकारिता विभागों के सचिव और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, सभी राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (SCARDBs) के अध्यक्ष, प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (PCARDBs) और एआरडीबी की इकाईयों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
सहकारिता मंत्रालय ने बताया कि अमित शाह आज नई दिल्ली में कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम सहकारिता मंत्रालय द्वारा, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से, आयोजित किया जा रहा है। बता दें कि पीएम मोदी के सहकार से समृद्धि के विज़न को साकार करने की दिशा में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एआरडीबी (ARDB) और आरसीएस (RCS) कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाए गए कई महत्वपूर्ण कदमों में से एक है।
ज्ञात हो कि कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (ARDB) की कम्प्यूटरीकरण परियोजना के तहत 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित एआरबीडी की 1851 इकाइयों को कम्प्यूटरीकृत करने और उन्हें एक कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता मंत्रालय की यह पहल कॉमन एकाउंटिंग सिस्टम (CAS) और मनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (MIS) के माध्यम से व्यावसायिक प्रक्रियाओं को मानकीकृत करके एआरडीबी के में परिचालन दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने का काम करेगी। इसके अलावा, इस पहल का उद्देश्य ट्रांसक्शन कॉस्ट को कम करना, किसानों को ऋण वितरण में सुविधा प्रदान करना और योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग और असेसमेंट के लिए वास्तविक समय डेटा पहुंच को सक्षम करना है। इस दक्षता से उन छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा जो जमीनी स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के माध्यम से ऋण और संबंधित सेवाओं के लिए एआरबीडी से जुड़े हुए हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय की दूसरी प्रमुख पहल के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण, आरसीएस कार्यालयों को पेपरलैस कामकाज के लिए प्रेरित करना, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहकारी अधिनियम और नियमों के अनुरूप आईटी-उन्मुख कार्यप्रवाह को लागू करने का लक्ष्य है। बता दें कि सहकारिता मंत्रालय ने एक नया राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस स्थापित किया है जिसमें 8 लाख से अधिक सहकारी समितियों का डेटा उपलब्ध है और इस डेटाबेस को जल्द ही लॉन्च कर इसे सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।