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भारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचा

भारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचा
  • PublishedApril 10, 2024

भारतीय तट रक्षक प्रदूषण नियंत्रण जहाज (PCV) समुद्र पहरेदार आसियान देशों में अपनी चल रही विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में 9 अप्रैल को ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचा। आसियान देशों में आईसीजी विशेष पोत ( ICG specialized vessel) की यात्रा समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिए भारत आसियान पहल के अनुरूप है। उल्लेखनीय है, आसियान क्षेत्र में ICGS समुद्र पहरेदार की तैनाती समुद्री प्रदूषण के प्रति भारत की साझा चिंता और संकल्प को दर्शाती है।

रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में जानकारी दी, भारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचा। आसियान देशों में आईसीजी विशेष पोत की यात्रा समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिए भारत आसियान पहल के अनुरूप है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2022 में कंबोडिया में आसियान रक्षा मंत्री प्लस बैठक के दौरान घोषणा की थी।

बता दें कि तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, आईसीजीएस समुद्र पहरेदार का दल समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया (एमपीआर), समुद्री खोज और बचाव (एम-एसएआर) और समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पेशेवर बातचीत में शामिल रहेगा। इस दौरान क्रॉस-डेक प्रशिक्षण, विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान और ब्रुनेई समुद्री एजेंसियों के साथ खेल जैसी गतिविधियां भी शामिल होंगी।

दरअसल इस यात्रा से भारतीय तटरक्षक बल और उनके ब्रुनेई समकक्षों के बीच संबंध मजबूत होंगे, साथ ही “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” की अवधारणा को मजबूत करते हुए भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन भी हो रहा है। आईसीजीएस समुद्र पहरेदार पर सवार 25 राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) सरकार की पहल “पुनीत सागर अभियान” में योगदान करते हुए स्थानीय युवा संगठनों के सहयोग से समुद्र तटों पर सफाई गतिविधियों में भाग लेंगे।

ब्रुनेई में मुआरा से पहले, आईसीजीएस समुद्र पहरेदार ने आसियान क्षेत्र में राजनयिक समुद्री गतिविधियों की निर्बाध निरंतरता का प्रदर्शन करते हुए वियतनाम और फिलीपींस का दौरा किया। आसियान क्षेत्र में आईसीजीएस समुद्र पहरेदार की तैनाती समुद्री प्रदूषण के प्रति भारत की साझा चिंता और संकल्प को तो दर्शाती ही है साथ ही यह समुद्री सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ावा देती है, जो सागर – क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत विजन में समाहित भारत की समुद्री दृष्टि के अनुरूप है।