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6 नदियों का बेसिन प्रबंधन करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने 12 तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ किया समझौता

6 नदियों का बेसिन प्रबंधन करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने 12 तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ किया समझौता
  • PublishedFebruary 29, 2024

जल शक्ति मंत्रालय ने 6 नदियों का बेसिन प्रबंधन करने के लिए 12 तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के तहत गंगा नदी की तर्ज पर देश की 6 बड़ी नदियों में सुधार किया जाएगा।

जल शक्ति मंत्रालय ने 6 नदियों का बेसिन प्रबंधन करने के लिए 12 तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के तहत गंगा नदी की तर्ज पर देश की 6 बड़ी नदियों में सुधार किया जाएगा। यह समझौता राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत जल शक्ति मंत्रालय और शैक्षणिक संस्थानों के बीच किया गया है। इस समझौता पर एनआरसीडी की ओर से परियोजना निदेशक जी अशोक कुमार और संकाय संस्थानों और आईआईटी कानपुर के निदेशकों ने हस्ताक्षर किया।

जल शक्ति मंत्रालय ने बुधवार (29 फरवरी) देश के जल संसाधनों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली के सभागार में आयोजित समारोह में जल शक्ति मंत्रालय ने 6 नदियों का बेसिन प्रबंधन करने के लिए 12 तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा और पेरियार के बेसिन प्रबंधन की स्थिति का मूल्यांकन एवं प्रबंधन योजना के लिए आवश्यक तकनीकी अनुसंधान, निगरानी और संग्रह करने की जिम्मेदारी 12 संस्थानों (विभिन्न आईआईटी, एनआईटी और नीरी) को प्रदान की गई है।

जिन संस्थानों को दी गई जिम्मेदारी

बता दें कि अरमडा बेसिन प्रबंधन – आईआईटी इंदौर और आईआईटी गांधीनगर, गोदावरी बेसिन प्रबंधन – आईआईटी हैदराबाद और नीरी नागपुर, महानदी बेसिन प्रबंधन – आईआईटी रायपुर और आईआईटी राउरकेला, कृष्णा बेसिन प्रबंधन – एनआईटी वारंगल और एनआईटी सुरथकल, कावेरी बेसिन प्रबंधन – आईआईएससी बैंगलोर और एनआईटी त्रिची और पेरियार बेसिन प्रबंधन – आईआईटी पलक्कड़ और एनआईटी कालीकट आदि संस्थानों को योजना के लिए आवश्यक तकनीकी अनुसंधान, निगरानी और संग्रह करने की जिम्मेदारी दी गई है।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, संस्थान पूर्व, पश्चिम, मध्य और दक्षिण में नदियों के बेसिन प्रबंधन के तकनीकी पक्ष को करेंगे मजबूत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आईआईटी कानपुर के नेतृत्व में संचालित सी-गंगा (सेंटर फॉर गंगा बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज) के कार्यों की सराहना करते हुए उपनिषद सूत्र ‘एकोहम बहुस्याम’ की बात की। उन्होंने कहा कि एक शक्ति को कई में विस्तारित करने के दर्शन पर चलते हुए, सीजीएनजी ने 6 नदियों के बेसिन प्रबंधन में शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर नए केंद्र बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से गंगा नदी बेसिन प्रबंधन के तकनीकी पक्ष को मजबूती प्रदान करने में सी-गंगा ने योगदान दिया है, उसी प्रकार से यह आशा की जाती है कि ये शैक्षणिक संस्थान पूर्व, पश्चिम, मध्य और दक्षिण में नदियों के बेसिन प्रबंधन के तकनीकी पक्ष को मजबूत करेंगे।

नदी से संबंधित मामलों में अंतर-राज्यीय सहयोग और समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि हमने गंगा बेसिन प्रबंधन के दौरान बहुत अनुभव प्राप्त किया है, जिसका उपयोग इन 6 नदियों के बेसिन प्रबंधन की योजना बनाने में किया जाना चाहिए। उन्होंने नदी से संबंधित मामलों में अंतर-राज्यीय सहयोग और समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। गजेंद्र सिंह शेखावत कहा कि आगे भी चुनौतियां सामने आएंगी लेकिन अगर देश में बेसिन प्रबंधन का काम इसी प्रकार से आगे बढ़ता रहा और प्रगति होती रही तो जल संसाधनों से समृद्ध भारत का सपना बहुत जल्द ही साकार होगा।