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दिल्ली विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो ‘तरंग’

दिल्ली विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो ‘तरंग’
  • PublishedFebruary 13, 2024

आज भले ही संचार के तमाम साधन उपलब्ध हों, लेकिन रेडियो का महत्व अपनी जगह बना हुआ है। इसमें भी सामुदायिक रेडियो का अपना विशेष स्थान है। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल आनंद कॉलेज के सामुदायिक रेडियो ‘तरंग’ को शुरू हुए एक साल पूरा होने को है। इसे लेकर विद्यार्थियों में उत्साह भी बहुत है। ऐसे में ‘तरंग’ और सामुदायिक रेडियो की भूमिका के बारे में विस्तार से जानना प्रासंगिक हो जाता है।

वास्तव में ‘तरंग’ रामलाल आनंद कॉलेज का अपना एक सामुदायिक रेडियो है जिसे करीब एक साल पहले शुरू किया था। इसके माध्यम से शिक्षा, रोजगार व ज्ञान आधारित, कार्यक्रम सुने जा सकते हैं। खास बात यह है कि कॉलेज के सहयोग से इस रेडियो को छात्र ही चलाते हैं। दरअसल यहां हिंदी पत्रकारिता विभाग में विधार्थी पत्रकारिता की पढ़ाई करते हैं। यह सामुदायिक रेडियो उनकी कोर्स की जरूरतों को भी पूरा करता है । साथ ही इससे उन्हें व्यावहारिक अनुभव भी मिलता है। यह 90.0 FM रेडियो ‘तरंग ‘है।

आपकों बता दें कि सामुदायिक रेडियो किसी छोटे समुदाय समुदाय द्वारा संचालित कम लागत वाला रेडियो स्टेशन होता है,जो समुदाय के लिए उनकी पसंद और समुदाय के विकास के ध्येय के साथ गैर-व्यावसायिक प्रसारण करता है। यह एक तरह से संचार के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है। सामुदायिक रेडियो सार्वजनिक सेवा और व्यावसायिक मीडिया से भिन्न प्रसारण का तीसरा अहम स्तर है।

सामुदायिक रेडियो संचार का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह स्थानीय भाषाओं और बोलियां में लोगों को आपस में जोड़ने में सहयोग करता है। कृषि ,शिक्षा समाज कल्याण,स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक सामाजिक बदलाव एवं सशक्तिकरण के रूप में सामुदायिक रेडियो एक आदर्श उपकरण है। इसी तरह ‘तरंग’ सामुदायिक रेडियो भी उसी पदचिन्हों पर शिक्षा जगत में अपनी भूमिका अदा करने को प्रयासरत है।