भारत

दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के तहत राष्ट्रीय स्तर हितधारक परामर्श का 4 मई 2023 को नई दिल्ली के द्वारका स्थित राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान में आयोजन किया गया

दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के तहत राष्ट्रीय स्तर हितधारक परामर्श का 4 मई 2023 को नई दिल्ली के द्वारका स्थित राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान में आयोजन किया गया
  • PublishedMay 9, 2023

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग ने दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के तहत राष्ट्रीय स्तर हितधारक परामर्श का 4 मई 2023 को नई दिल्ली के द्वारका स्थित राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान में आयोजन किया। परामर्श का मुख्य उद्देश्य हितधारकों से उनके अनुभव के आधार पर एनएपी स्कीम पर रणनीतिक जानकारी प्राप्त करना और साथ ही बहुपक्षीय सहयोगों का निर्माण करना था जिससे कि दिव्यांग व्यक्तियों के कौशल निर्माण तथा रोजगार के लिए दीर्घकालीन मॉडलों का विकास किया जा सके।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल, आईएएस ने की तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री के के द्विवेदी, दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजीव शर्मा, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधिकारियों, दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग के निदेशकों/उप निदेशकों, सेक्टर कौशल परिषदों के सीईओ, एनजीओ संस्थापकों, एमएनसी तथा विख्यात उद्योगों के सी-सुट के अग्रणी व्यक्तियों, शिक्षाविदों, वेब ऐक्सेसिबिलिटी विशेषज्ञों एवं दर्जन भर से अधिक दिव्यांग उपलब्धि धारकों सहित कौशल निर्माण एवं रोजगार इकोसिस्टम से जुड़े प्रतिनिधियों ने सक्रियतापूर्वक इस परामर्श में भाग लिया।

एनएपी स्कीम, जो 2016 से कार्यान्वित की जा रही है, की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतियां की गईं। यहां जानकारी दी गई कि 28 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में 134.75 करोड़ रुपये के फंड रिलीज के साथ 100 हजार दिव्यांग व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है। कौशल प्रशिक्षणों को संचालन 3 महीने के लिए एक लघु अवधि प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों जिनमें ग्राहक संबंध प्रबंधन, सौंदर्य चिकित्सक, डेयरी किसान, हाथ की कढ़ाई, डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर, अचार बनाने वाले तकनीशियन, स्व-नियोजित दर्जी आदि से संबंधित 311 पाठ्यक्रमों की एक सूची शामिल है।

 

मुख्य संबोधन में, दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता सचिव ने परामर्श को सभी हितधारकों के लिए एक संवेदीकरण कार्यशाला करार दिया जिसका लक्ष्य दिव्यांग व्यक्तियों की जीवन की वास्तविकताओं को समझना है। इसमें उपयुक्त शब्दावलियों का उपयोग करने के साथ साथ दिव्यांग व्यक्तियों की कौशल यात्रा को विस्तार से समझना भी था। कौशल प्रशिक्षण के संबंध में, सेक्टर कौशल परिषदों से सहायता कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के साथ समन्वयन को सामने रखा गया। इसके अतिरिक्त, नई शिक्षा नीति, 2020 के अनुरुप विशेष विद्यालयों का समावेश एवं व्यावसायिक शिक्षा, व्यक्तिगत शिक्षा/मूल्यांकन योजनाओं आदि के समेकन का भी सुझाव दिया गया। इसके अतिरिक्त, यह भी रेखांकित किया गया कि नियोक्ताओं/कंपनियों को दिव्यांग व्यक्तियों पर उनकी क्षमताओं के आधार पर न कि धर्मार्थ कार्य के रूप में विचार करना चाहिए। विभिन्न शोध अध्ययनों का उल्लेख करते हुए दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग के सचिव ने यह भी बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों में ‘‘ कूल-एबिलिटी फैक्टर ‘‘ अधिक हो सकता है और इस कारण वे ऐसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रर्दशन कर सकते हैं जहां गैर दिव्यांग व्यक्तियों को मुश्किल आ सकती है। यहां तक कि विकलांगताओं के संबंध में भी जिनके लिए युक्तिसंगत आवासों (आरए) की आवश्यकता होती है, दिव्यांग व्यक्ति अधिकारिता विभाग के सचिव ने बताया कि आरए की लागत भवन की लागत के 1 प्रतिशत से अधिक नहीं है और इस प्रकार, उदाहरण के लिए एक रक्त विकार वाले व्यक्ति के लिए आरए, अन्य विकलांगताओं के बीच, किसी भी कंपनी की भर्ती की नीतियों में बहुत सरलता के साथ एकीकृत हो सकता है। अंत में, स्व-रोजगार के तहत कौशल प्रशिक्षण के संबंध में, अधिकतम विकलांग व्यक्तियों को शामिल करने के लिए उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए मेंटरशिप के लिए मॉडल विकसित करने की आवश्यकता की अनुशंसा की गई।

100 से अधिक हितधारकों ने अपनी अनूठी विशेषज्ञता के साथ कौशल निर्माण एवं रोजगार कार्य समूहों के तहत 06 गोलमेज चर्चाओं में भाग लिया। इसके परिणामस्वरूप, प्रत्येक समूह ने अपने मॉडलों और विभिन्न बहुपक्षीय सहयोगों को प्रस्तुत किया जो उपस्थित संगठनों के बीच हो सकते हैं। सुगम्य कार्यस्थलों और समावेशी नियोक्ता प्रथाओं को समझने पर पैनल चर्चा में कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे जो दिव्यांग व्यक्तियों की भर्ती करते हैं। उद्यमिता, स्व रोजगार एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए मेंटरशिप पर भी एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया जिनमें भारत के उद्यमिता विकास संस्थान, दिव्यांग उद्यमियों के राष्ट्रीय संगठन, आइडिया सक्षम के अग्रणी व्यक्ति और अखिल भारतीय नेत्रहीन संघों के प्रो. अनेजा शामिल थे।