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श्री जी. किशन रेड्डी ने भारत के उन 102 कलाकारों (तीन संयुक्त पुरस्कारों सहित) को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार- 2019, 2020 और 2021 प्रदान किए, जिन्होंने युवा प्रतिभाओं के रूप में प्रदर्शन कला के अपने संबंधित क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है

श्री जी. किशन रेड्डी ने भारत के उन 102 कलाकारों (तीन संयुक्त पुरस्कारों सहित) को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार- 2019, 2020 और 2021 प्रदान किए, जिन्होंने युवा प्रतिभाओं के रूप में प्रदर्शन कला के अपने संबंधित क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है
  • PublishedFebruary 17, 2023

केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने 15 फरवरी को नई दिल्ली स्थित रवींद्र भवन के मेघदूत रंगमंच परिसर में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार (यूबीकेवाईपी)- 2019, 2020 और 2021 प्रदान किए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा ने की।

संगीत नाटक अकादमी देश में संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी और प्रदर्शन कला का शीर्ष निकाय है। बीती 8 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित अपनी सामान्य परिषद की बैठक में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार- 2019, 2020 और 2021 के लिए भारत के उन 102 कलाकारों (तीन संयुक्त पुरस्कारों सहित) का चयन किया गया, जिन्होंने युवा प्रतिभाओं के रूप में प्रदर्शन कला के अपने-अपने क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। नई दिल्ली स्थित रवींद्र भवन के मेघदूत रंगमंच परिसर में संगीत, नृत्य और नाटक का एक चार दिवसीय उत्सव 14-17 फरवरी 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें साल 2019 के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के प्राप्तकर्ता अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस अवसर पर श्री जी. किशन रेड्डी ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित सभी कलाकारों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि कलाओं को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना, इस देश की परंपरा रही है। मंत्री ने कहा कि कला को भारत से अलग नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा श्री रेड्डी ने यह भी कहा कि कलाकार अपनी कला को अगली पीढ़ी तक ले जाने के लिए बहुत अच्छा काम करते हैं।

उन्होंने आगे रेखांकित किया कि देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र के 19 कलाकारों ने पुरस्कार जीता है, जो इस क्षेत्र में हुए बदलाव को दिखाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी कलाकारों को प्रोत्साहित करने के अलावा यह पुरस्कार देश के युवाओं को पारंपरिक इतिहास और कलाओं की ओर आकर्षित करेगा।