वेयरहाउसिंग और ई-एनडब्ल्यूआर भारत के बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव श्री सुधांशु पांडे ने आज यहां कहा कि मालगोदाम और इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट (ई-एनडब्ल्यूआर) भारत और विशेष रूप से ग्रामीण भारत के बदलावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं।
सचिव डीएफपीडी के तहत वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा आयोजित “ई-एनडब्ल्यूआर – एन इफेक्टिव टूल फॉर प्रमोटिंग प्लेज फाइनेंसिंग” पर एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
अपना संबोधन देते हुए, श्री पांडे ने बड़े बदलावों के बारे में बताया और ये भी बताया कि कैसे कृषि के मशीनीकरण, भंडारण के विनियमन, अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्रों के संगठित होने, वित्त पोषण में वृद्धि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह की पहुंच और सहकारी संस्थाओं की क्षमताओं का इस्तेमाल, जिससे बेहतर शासन और जवाबदेही आएगी आदि के जरिए अगले 25 सालों में भारत में वास्तविक विकास गांवों के जरिए होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षित भंडारण, खाद्य सुरक्षा, वित्त पोषण और निर्यात के लिए मालगोदामों की आवश्यकता बनी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने गोदामों के पंजीकरण को बढ़ाने और डब्लूडीआरए के साथ गोदामों के पंजीकरण के लाभों को बढ़ावा देने और ई-एनडब्ल्यूआर के बदले वित्त देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सभी सरकारी स्टॉक को डब्लूडीआरए पंजीकृत गोदामों में रखने के लिए प्रोत्साहित करना और बीमा की लागत में कमी लाना शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूडीआरए द्वारा परिकल्पित इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट एक वास्तविकता बन गई हैं और इसने सभी हितधारकों और भागीदारों को देश के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने सामूहिक दृष्टिकोण को जारी रखने के लिए प्रेरित किया है।
वेयरहाउसिंग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2007 के तहत 2010 में गठित डब्लूडीआरए ने अपना स्थापना दिवस मनाया। इसके स्थापना दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, 17 से 31 अक्टूबर 2022 तक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी।
इससे पहले, श्री टी.के. मनोज कुमार, अध्यक्ष, डब्लूडीआरए ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डब्लूडीआरए सार्वजनिक नीति की एक पहल थी जहां तकनीक के फायदों को किसानों के लिए फायदों में स्थानांतरित किया गया था जिसका उद्देश्य ई-एनडब्ल्यूआर को व्यापार का एक प्रमुख उपकरण बनाने, गावों में नकदी की स्थिति सुधारने, किसानों की आय बढ़ाने और फसलों की कटाई के बाद के नुकसान को कम करना, आदि था। डब्लूडीआरए के साथ पंजीकृत गोदामों की संख्या में वृद्धि हुई थी और बैंकों और किसानों के साथ इसकी पहुंच में तेजी से सुधार हुआ था।
उन्होंने कम ब्याज दर और कम शुल्क पर ई-एनडब्ल्यूआर के बदले कर्ज देने के लिए एसबीआई द्वारा शुरू किए गए विशेष उत्पाद का उदाहरण दिया। कर्नाटक बैंक लिमिटेड ने हमें बताया है कि वे ई-एनडब्ल्यूआर के बदले कर्ज देने के लिए एक नया उत्पाद शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्लेज फाइनेंस में लगातार वृद्धि हुई है और इस संबंध में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के बैंकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने श्री जी.सी. चतुर्वेदी, पूर्व अध्यक्ष, डब्ल्यूडीआरए को वर्ष 2017 में डिजिटल वेयरहाउस रसीदें पेश करने के लिए धन्यवाद दिया, जिसे अगस्त, 2019 से अनिवार्य कर दिया गया था। उन्होंने यह भी साझा किया कि एक नियामक विकास में मदद करता है और उसे बढ़ाता है और विनियमन व्यवसाय के विकास को सक्षम बनाता है। अध्यक्ष ने आगे वेयरहाउसिंग कारोबार में आसानी के लिए लाए गए कुछ प्रमुख बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सचिव, डीएफपीडी को यह निर्णय लेने के लिए धन्यवाद दिया कि सरकार द्वारा खरीदे गए स्टॉक को डब्ल्यूडीआरए गोदामों या उन गोदामों में संग्रहित किया जाना चाहिए जिन्होंने डब्ल्यूडीआरए पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। इसके परिणामस्वरूप विशेष रूप से राज्य भंडारण निगमों (एसडब्ल्यूसी) से पंजीकरण में वृद्धि हुई है।
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श्री धीरज साहू, संयुक्त सचिव, डब्लूडीआरए ने अपने स्वागत भाषण में डब्ल्यूडीआरए की यात्रा को रेखांकित किया और कहा कि इस बार डब्ल्यूडीआरए अपने स्थापना दिवस को एक अलग तरीके से मना रहा है, जो 17 अक्टूबर, 2022 से शुरू हुआ और 31 अक्टूबर, 2022 संगोष्ठी के साथ समाप्त हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार डब्लूडीआरए ने पूरे देश में अपना स्थापना दिवस मनाया और डब्लूडीआरए के पंजीकरण को बढ़ाने और ई-एनडब्ल्यूआर को बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक और ओडिशा में आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन किया। उन्होंने प्लेज फाइनेंसिंग के आंकड़े भी साझा किए, जिसमें लगभग 104% (2020-21 में 732 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 1492 करोड़ रुपये) का उछाल दर्ज हुआ हैं। उन्होंने डब्ल्यूडीआरए के सभी हितधारकों के काम की भी सराहना की।
प्लेज फाइनेंसिंग में शामिल विभिन्न जोखिमों, डब्लूडीआरए के मुख्य उद्देश्यों, डब्ल्यूडीआरए पंजीकरण के विभिन्न लाभों और जोखिमों को कम करने और ई-एनडब्ल्यूआर के माध्यम से सुरक्षित कर्ज को बढ़ावा देने में डब्ल्यूडीआरए के कार्यों और भूमिका के साथ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट सिस्टम पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई थी।
ओपन हाउस के बाद पैनल चर्चा भी हुई। श्री हरप्रीत सिंह, सदस्य, डब्ल्यूडीआरए, श्री. मुकेश कुमार जैन, सदस्य, डब्ल्यूडीआरए, श्री. अरुण कुमार श्रीवास्तव, एमडी, सीडब्ल्यूसी, श्री. तिरु ए शिवगनम (आई.ए.एस), एमडी, टीएनडब्ल्यूसी, श्री शांतनु चंद्रकांत पेंडसे, सीजीएम, एसबीआई, श्री. पीतांबर चौधरी, एमडी और सीईओ, सीसीआरएल, श्री. केदार देशपांडे, एमडी और सीईओ, एनईआरएल, श्री. लोकेंद्र तोमर, उत्पाद प्रमुख, आईसीआईसीआई और श्री संजय कुमार गुप्ता एमडी और सीईओ एनसीएमएल ने भी इसमें भाग लिया।
पैनल चर्चा स्वस्थ और समृद्ध थी और इसने प्लेज फाइनेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए ई-एनडब्ल्यूआर के लाभों को सामने रखा। पैनल में शामिल सदस्यों और दर्शकों ने पूरे वेयरहाउसिंग इकोसिस्टम में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव दिए।
इस अवसर पर डब्लूडीआरए के पूर्व अध्यक्ष श्री जी.सी. चतुर्वेदी, और डॉ. बी.बी पटनायक, जिन्होंने इससे पहले डब्ल्यूडीआरए के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था, को डब्लूडीआरए ने सम्मानित किया। डब्लूडीआरए ने राज्य भंडारण निगमों, सार्वजनिक और निजी बैंकों, विपणन बोर्डों और वेयरहाउस से जुड़े लोगों को पूरे देश में प्लेज फाइनेंसिंग को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए सम्मानित किया।
संगोष्ठी में डीएफपीडी, विभिन्न मंत्रालयों और कृषि/वेयरहाउसिंग/लॉजिस्टिक्स/फाइनेंसिंग,में काम कर रहे पीएसयू सहित सरकारी निकायों, रिपॉजिटरी, कमोडिटी एक्सचेंज, कमोडिटी बोर्ड, बैंक, उद्योग संगठन, डब्लूडीआरए की प्रशिक्षण और निरीक्षण एजेंसियों, वेयरहाउस चलाने वाले और मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।