राजनयिक संबंधों को सुदृढ़ करने की लिए INS सुमेधा मोजाम्बिक के मापुटो में तैनात
मोजाम्बिक और भारत के बीच पारंपरिक रूप से गर्मजोशी भरे और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं, वे लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के समान मूल्यों को साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में नियमित रूप से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और परस्पर बातचीत होती रही है।
स्वदेश निर्मित भारतीय नौसेना जहाज सुमेधा अफ्रीका में विस्तारित परिचालन तैनाती के एक भाग के रूप में 21 नवंबर को मोजाम्बिक के मापुटो पहुंचा। पोर्ट कॉल का उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे राजनयिक संबंधों को मजबूत करना, समुद्री सहयोग को मजबूत करना और दोनों नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता को बढ़ावा देना है।
मोजाम्बिक और भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध
मोजाम्बिक और भारत के बीच पारंपरिक रूप से गर्मजोशी भरे और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं, वे लोकतंत्र, विकास और धर्मनिरपेक्षता के समान मूल्यों को साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में नियमित रूप से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और परस्पर बातचीत होती रही है। नियमित संयुक्त रक्षा कार्य समूह (JDWG) की बैठकों के माध्यम से द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
भारतीय नौसेना के ‘मित्र सेतुओं’ के निर्माण और मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ बनाने के मिशन के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना के जहाजों को नियमित रूप से विदेशों में तैनात किया जाता है।
पोर्ट कॉल के दौरान गतिविधियाँ
यात्रा के दौरान 23 से 25 नवंबर तक व्यावसायिक बातचीत, क्रॉस डेक दौरे, योजना सम्मेलन और संयुक्त ईईजेड निगरानी निर्धारित की गयी है। पोर्ट कॉल के दौरान कमांडिंग ऑफिसर द्वारा नौसेना कमांडेंट, मोजाम्बिक नौसेना और मापुटो शहर के मेयर सहित मोज़ाम्बिक के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों से शिष्टाचार बातचीत इत्यादि गतिविधियां शामिल हैं।
आईएनएस सुमेधा
आईएनएस सुमेधा साल 2011 में लॉन्च किया गया था और साल 2014 में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। आईएनएस सुमेधा विशाखापत्तनम स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा है और पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के परिचालन कमान के तहत कार्य करता है। यह जहाज कई हथियार प्रणालियों, सेंसरों, अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से सुसज्जित है। सुमेधा ने अतीत में विभिन्न बेड़ा सहायता अभियानों, तटीय और अपतटीय गश्त, महासागर निगरानी और एचएडीआर मिशन आरंभ किए हैं।