अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस आज : महिलाओं के उच्च शिक्षा की ओर बढ़ते कदम
दुनिया भर में आज 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2023 मनाया जा रहा है । इस मौके पर देश सहित दुनिया भर में लड़कियों के अधिकारों और बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्हें जागरूक करने के साथ कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा होगी । इनमें, गर्ल्स चाइल्ड एजुकेशन, करियर और उनके हेल्थ सहित अन्य विषय भी शामिल हैं।
महिलाओं की शिक्षा पर एक नजर
महिलाओं की शिक्षा पर बात करें तो निश्चित तौर पर पहले से हालात बदले हैं। आज लड़कियाँ उच्च शिक्षा की तरफ बढ़ रही हैं। हाल ही में प्रकाशित वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की आज़ादी के समय महिलाओं की साक्षरता लगभग नौ प्रतिशत थी। उस वक्त 11 में से केवल 1 लड़की साक्षर थी। हालांकि,अब अब महिलाओं की साक्षरता दर बढ़कर 77% हो गई है । जबकि देश में पुरुषों की साक्षरता दर 84.7% है ।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की पहल एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से सबसे पहले की गई इस संगठन ने ‘क्योंकि मैं एक लड़की हूँ’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की थी , संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया इसके लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना इस प्रकार पहला अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया ।
क्या है इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य दुनियाभर की बालिकाओं के आवाज को सशक्त करना , महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लिंग आधारित चुनौतियों को समाप्त करने का प्रयास करता है, जिसका सामना लडकियाँ कर रहीं है, जिसमें बाल विवाह, उनके प्रति भेदभाव और हिंसा शामिल है।
भारत समेत कई देशों में महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, एक बच्ची के जन्म से लेकर परिवार में उसकी स्थिति, शिक्षा के अधिकार और करियर में महिलाओं के विकास में आने वालाी बाधाओं को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाना ही अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि महिलाएं भी अपने देश और समाज के विकास में योगदान दे सकें।
बालिकाओं को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए बालिका दिवस के मौके पर कई देशों में कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दिन कई समुदाय और राजनीतिक नेता लड़कियों के समान शिक्षा के अधिकार और उनकी मौलिक स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जनता से बात करते हैं।