पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘भारत की खादी’ देश में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की अग्रदूत बनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर दिल्लीवासियों ने खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की खरीद में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। गांधी जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के केंद्र कनॉट प्लेस में खादी भवन में 1,52,45,000 रुपये के खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की अब तक की सबसे अधिक बिक्री देखी गई। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने गांधी जयंती पर बापू की विरासत खादी की अभूतपूर्व बिक्री का श्रेय प्रधानमंत्री की ‘ब्रांड पावर’ को दिया है।
पीएम मोदी की अपील का है असर
केवीआईसी के अध्यक्ष ने बताया कि 24 सितंबर 2023 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से गांधी जयंती के दिन कुछ न कुछ खादी उत्पाद खरीदने की अपील की थी। इस अपील का जनता पर प्रभाव पड़ा। पीएम मोदी कि उनकी अपील का ही असर है कि पिछले प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती के दिन खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री का एक नया रिकॉर्ड बनता है. जिससे पता चलता है कि लोगों को भारत के विरासत वस्त्र यानि की खादी से गहरा लगाव है।
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान देश की जनता को खादी खरीदने के लिए प्रेरित किया
हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित जी20 और राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने उल्लेख किया था कि कैसे पिछले 9 वर्षों में, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री को 1.34 लाख करोड़ रुपये के पार पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभायी है। जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान राजघाट पर पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने विश्व के राजनेताओं का खादी वस्त्रों से स्वागत कर न केवल खादी को वैश्विक पहचान दिलाई, बल्कि देश की जनता को खादी खरीदने के लिए प्रेरित भी किया। परिणामस्वरूप, गांधी जयंती के दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में खादी उत्पाद खरीदने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
क्या कहते हैं ताज़ा बिक्री आंकड़े ?
अगर ताजा बिक्री आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में गांधी जयंती के दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 1,33,95,000 रुपये की बिक्री हुई थी, जो इस बार 1,52,45,000 रुपये तक पहुँच गई है।
गांधी जयंती के दिन की बिक्री के पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो हर साल बिक्री 1 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर रही है। लेकिन यह पहली बार है कि बिक्री बढ़कर 1.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। वित्त वर्ष 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 1.01 करोड़ रुपये थी और वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 1.34 करोड़ रुपये हो गई, लेकिन इस वित्त वर्ष में बिक्री का आंकड़ा 1.52 करोड़ रुपये को पार कर गया है। ये सभी आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘भारत की खादी’ देश में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की अग्रदूत बन गई है