जानिए, कौन है राकेश बलवाल, जिन्हें मणिपुर के हालात सुधारने की मिली कमान
केन्द्र सरकार ने 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश बलवाल का कश्मीर के श्रीनगर से मणिपुर स्थानांतरण किया है। मणिपुर में हाल ही में हिंसा एक बार फिर बढ़ी है।
कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
एक सरकारी आदेश के अनुसार कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने आईपीएस राकेश बलवाल को अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर से मणिपुर कैडर में समय से पहले वापस भेजने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कौन है राकेश बलवाल ?
श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश बलवाल आतंकी संबंधित मामलों को संभालने में एकस्पर्ट माने जाते हैं। बलवाल को दिसंबर 2021 में अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर में भेजा गया था। लेकिन उन्हें समय से पहले मणिपुर में स्थानांतरित किया गया है। दरअसल, हाल ही में मणिपुर में हिंसा एक बार फिर बढ़ी है।
मणिपुर के कैसे हालात ?
याद हो, इस साल मई से मणिपुर में दो समुदायों के बीच लगातार हिंसक झड़पें हो रही हैं। इस बीच, 28 सितंबर, 2023 को एक हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने इंफाल पश्चिम में डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में तोड़फोड़ की और तीन वाहनों को आग लगा दी। वहीं, हाल ही में दो छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तनाव की स्थिति बनती नजर आ रही है। ऐसे में राकेश बलवाल को मणिपुर भेजा गया है, जहां उन्हें एक नई पोस्टिंग सौंपी जाएगी।
दूसरा बड़ा स्थानांतरण
इससे पहले 1 जून को, त्रिपुरा कैडर के 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को मणिपुर के पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।
साल 2021 में श्रीनगर के SSP का पद संभाला
पुलवामा हमले के जांच अधिकारी बलवाल वर्तमान में श्रीनगर के एसएसपी रहे, जो मणिपुर कैडर में वापस भेजे गए हैं। मणिपुर कैडर के 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी बलवाल 16 दिसंबर, 2021 को श्रीनगर शहर के पुलिस प्रमुख बने थे। इससे पहले साढ़े तीन साल के लिए एनआईए में प्रतिनियुक्ति पर थे।
आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने में महत्वपूर्ण कार्य किया
बलवाल ने श्रीनगर में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने में महत्वपूर्ण कार्य किया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर एनआईए प्रमुख के रूप में उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले मामले की जांच का नेतृत्व किया था और उनके काम के लिए उन्हें सम्मानित किया गया था।