केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने आज महाराष्ट्र में ‘मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी के लिए राष्ट्रीय किसान क्रेडिट कार्ड सम्मेलन’ की अध्यक्षता की
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने आज महाराष्ट्र में ‘मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी के लिए राष्ट्रीय किसान क्रेडिट कार्ड सम्मेलन’ की अध्यक्षता की। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय किसान क्रेडिट कार्ड सम्मेलन का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन, भारत सरकार में वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किशनराव कराड, महाराष्ट्र सरकार में मत्स्य पालन मंत्री श्री सुधीर मुनगंटीवार, महाराष्ट्र सरकार के राजस्व, पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री राधाकृष्ण एकनाथराव विखे पाटिल, मत्स्य पालन विभाग में सचिव डॉ अभिलक्ष लिखी, पशुपालन व डेयरी विभाग की सचिव सुश्री अलका उपाध्याय, पशुपालन एवं डेयरी विभाग में अपर सचिव सुश्री वर्षा जोशी, मत्स्य पालन विभाग (अंतर्देशीय मत्स्य पालन) के संयुक्त सचिव श्री सागर मेहरा और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड-एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. एल नरसिम्हा मूर्ति, एआरएस भी उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यकारी निदेशक श्री नीरज निगम और नाबार्ड में पुनर्वित्त विभाग के सीजीएम श्री विवेक सिन्हा ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला ने महाराष्ट्र सरकार के मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ) और पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) के सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालन एवं डेयरी और मछली पालन करने वाले मत्स्य उत्पादकों, दोनों को ही उपलब्ध कराया जाना चाहिए और पहले कदम के रूप में उनके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकसित होने की आशा बनी रहेगी। श्री रूपाला ने सागर परिक्रमा के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला अधिकारियों के साथ-साथ विभाग के अधिकारीगणों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आधारभूत तरीके से इस मुद्दे के समाधान के लिए जिला स्तर पर समीक्षा की जानी चाहिए।
मत्स्य पालन विभाग/पशुपालन एवं डेयरी विभाग और किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा किसान क्रेडिट कार्ड पर लघु वीडियो व किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ और पात्रता के साथ-साथ लाभार्थियों के प्रशंसापत्र भी साझा किए गए। श्री परशोत्तम रुपाला ने पात्र मत्स्य पालकों व मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड कार्ड वितरित किए। लाभार्थियों ने वर्चुअल बातचीत के बाद किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाने के अपने अनुभव भी व्यक्त किए।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने पहले राष्ट्रीय किसान क्रेडिट कार्ड सम्मेलन में आने के लिए सभी का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गरीब कल्याण के एक घटक के तौर पर वित्तीय समावेशन शामिल है और ऐसी स्थिति में यह अवश्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पूरे देश में किसान क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा देकर स्थानीय ऋणदाताओं द्वारा लगाए गए उच्च ब्याज ऋण को समाप्त कर दिया जाए। डॉ. एल मुरुगन ने सभी बैंकों से आगे आने, प्रशिक्षण देने और क्षमता निर्माण करने का आग्रह किया। महाराष्ट्र सरकार के राजस्व, पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री श्री राधाकृष्ण एकनाथराव विखे पाटिल ने उपस्थित सभी बैंकरों को मानदंडों में ढील देने की सलाह दी क्योंकि मत्स्य पालन विभाग तथा पशुपालन एवं डेयरी विभाग दोनों क्षेत्र परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और उन्हें जमीनी स्तर पर सस्ते ऋण की आवश्यकता है।
भारत सरकार में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जैसे-जैसे भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ही जमीनी स्तर पर परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि मत्स्य पालन के सभी आवेदकों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाए, लंबित आवेदनों का यथाशीघ्र निपटारा किया जाए और बैंक या आवेदक से लौटाए गए आवेदनों पर पुनः विचार किया जाए। उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार शून्य प्रतिशत पर ऋण देती है और राज्य सरकार की योजना की तरह ही ऐसे प्रावधान को भी कैबिनेट में प्रस्तावित किया जाना चाहिए। डॉ. भागवत किशनराव कराड ने यह सुझाव दिया कि कार्यान्वयन को आसान बनाने के लिए छोटे स्तर के विक्रेताओं व महिला दुकानदारों को विक्रेता के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों को योजना के प्रचार-प्रसार में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और किसान क्रेडिट कार्ड के लिए घर-घर जाकर प्रचार करना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार में मत्स्य पालन, वन और सांस्कृतिक कार्य मंत्री श्री सुधीर मुनगंटीवार ने सागर परिक्रमा कार्यक्रम की सराहना की और इस पहल का नेतृत्व करने के लिए केंद्रीय मंत्री को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदकों का प्रबंधन सावधानी से किया जाना चाहिए और विक्रेताओं को भी ऋण दिया जाना चाहिए ताकि बाजार संयोजन अथवा प्रौद्योगिकी अपनाने आदि की समस्याओं का समाधान किया जा सके। श्री मुनगंटीवार ने यह भी सुझाव दिया कि आजीविका सृजन के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के प्रावधानों का पता लगाया जाना चाहिए।