संसद ने अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक, 2023 को मंजूरी दी, विधेयक राज्यसभा से भी ध्वनि मत से पारित
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” 2047 में भारत का कद परिभाषित करेगा।
राज्यसभा में “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक, 2023” पर चर्चा का उत्तर देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, अनुसंधान कानून भारत के विकसित देशों की चुनिंदा लीग में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सदन ने बाद में विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। लोक सभा इसे पहले ही 07 अगस्त 2023 को पारित कर चुकी है।
उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा विधेयक है जिसका दीर्घकालिक प्रभाव, दीर्घकालिक परिणाम होने वाला है और हम सभी, भारत के प्रत्येक नागरिक, जिसमें दूसरी तरफ बैठे लोग भी शामिल हैं, हितधारक बनने जा रहे हैं। संभवत: यह इतिहास बनने जा रहा है।” .
यह विधेयक गणितीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य और कृषि सहित प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए एक उच्चस्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा।
मंत्री ने कहा, यह कानून मानविकी और सामाजिक विज्ञान के वैज्ञानिक और तकनीकी परस्पर मेल को बढ़ावा देगा ताकि ऐसे अनुसंधान और उससे जुड़े आकस्मिक मामलों को बढ़ावा दिया जा सके, निगरानी की जा सके और आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान की जा सके।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विधेयक से देश में अनुसंधान एवं विकास खर्च में बढ़ोतरी होगी। एनआरएफ की कार्यकारी परिषद को न केवल विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करने का काम सौंपा गया है, बल्कि विभिन्न स्तरों पर फंडिंग की जवाबदेही का विश्लेषण करने का भी काम सौंपा गया है।
उन्होंने कहा, “इसमें पाँच वर्षों के लिए 50,000 करोड़ रुपये (खर्च करने की परिकल्पना की गई है), जिसमें से 36,000 करोड़ रुपये, लगभग 80 प्रतिशत, गैर-सरकारी स्रोतों से, उद्योग और परोपकारी लोगों से, घरेलू और साथ ही बाहरी स्रोतों से आने वाले हैं।”