ड्रोन प्रशिक्षण/कौशल प्रदान करने के लिए डीजीसीए द्वारा 63 रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन स्वीकृत किये गये
ड्रोन प्रमाणित 5500 से अधिक रिमोट पायलट सर्टिफिकेट के लिए ट्रेनिंग स्कूल।
अनूठी पहचान संख्या के साथ 10 हजार से अधिक ड्रोन पंजीकृत हैं।
डीजीसीए ने भारत में ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग के लिए अब तक 25 तरह के सर्टिफिकेट जारी किये हैं।
देश में 25 जुलाई, 2023 तक 63 डीजीसीए अधिकृत रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (आरपीटीओ) हैं।
डीजीसीए ने मध्य प्रदेश में 3 आरपीटीओ आवेदनों को स्वीकृति दी है। ये हैः
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, ग्वालियर।
अल्टीमेट एनर्जी रिसोर्स प्रा. लि., भोपाल।
इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी, भोपाल।
सरकार ने ड्रोन और ड्रोन उपकरणों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्य भारत में ड्रोन और ड्रोन उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और वैश्विक रूप से स्पर्धी हो सकें। ड्रोन आयात नीति 9 फरवरी, 2022 को अधिसूचित की गई थी। इसमें विदेशी ड्रोन के आयात तथा ड्रोन उपकरणों के आयात पर पाबंदी लगाई गई। ड्रोन नियम उदार बनाये गये हैं, ताकि ड्रोन का व्यापक उपयोग किया जा सके।
ड्रोन नियम 2021, पीएलआई योजना, ड्रोन आयात पर पाबंदी और बढ़ते उपयोग के संयुक्त लाभ को देखते हुए भारतीय ड्रोन उद्योग में रोजगार के बढ़ने के साथ इसमें विकास की भी संभावना है।
ड्रोन नियम 2021 की अधिसूचना के बाद से डीजीसीए द्वारा देश में ड्रोन प्रशिक्षण/कौशल प्रदान करने के लिए 63 आरपीटीओ स्वीकृत किये गये हैं। अब तक इन ट्रेनिंग स्कूलों ने 5500 से अधिक रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (आरपीसी) को प्रमाणित किया है। अभी तक अनूठी पहचान संख्या (यूआईएन) के साथ कुल 10010 ड्रोन पंजीकृत हैं। डीजीसीए ने भारत में ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 25 प्रकार के प्रमाणपत्र जारी किये हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत) ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।