72 Hoorain Twitter Review: जन्नत नहीं दोजख इंतजार में है… ‘अभिशाप में बदले विश्वास’ की कहानी है ’72 हूरें’
मुंबईः लंबे इंतजार के बाद आखिरकार संजय पूरन सिंह चौहान के निर्देशन में बनी ’72 हूरें’ रिलीज हो चुकी है. फिल्म तभी से चर्चा में बनी हुई है, जब से इसका ऐलान हुआ है. अब जब फिल्म रिलीज हो चुकी है तो इस पर दर्शकों के रिएक्शन भी आने शुरू हो गए हैं. ’72 हूरें’ के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे ‘विश्वास एक अभिशाप में बदल सकता है.’ कई यूजर्स ने फिल्म देखने के बाद सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर अपनी प्रतिक्रिया शेयर की है. फिल्म को लेकर ट्विटर पर रिव्यू आने लगे हैं.
एक यूजर ने 72 हूरें पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- ‘एक ऐसी कहानी, जो भावनात्मक रूप से सक्षम है और सिनेमा की ताकत को दर्शाती है. इस असाधारण राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संजय पूरन सिंह चौहान की फिल्म को देखने से ना चूकें.’
फिल्म क्रिटीक जोगिंदर टुटेजा ने लिखा- ’72 हूरें एक विचारों को हिलाकर रख देने वाली फिल्म है. मौत के बाद जीवन की कहानी बताती है, और अपराध करने के बाद भी ‘जन्नत’ की धारणाओं को खारिज करती है, संजय पूरन सिंह चौहान (Sanjay Puran Singh Chauhan) की ये फिल्म दो आतंकवादियों पर केंद्रित है, जिन्हें एहसास होता है कि जन्नत उनके इंतजार में नहीं बल्कि दोजख है. जो उन्होंने अपने उपदेशक से सुना था. कॉमर्शियल बाउंडरीज में ना फंसकर फिल्म की कहानी को आर्टिस्टिक स्टाइल में बताने की कोशिश की गई है. इसफिल्म में कुछ उग्र डायलॉग हैं, खासकर दूसरे भाग में. अशोक पंडित समर्थित फिल्म को दर्शकों को कहानी के साथ समझ बैठाने में समय लगता है क्योंकि यह अद्वितीय है, लेकिन अंततः आप इसे समझ जाते हैं.