राष्ट्रीय ई-विधान ऐप्लीकेशन (एनइवीए) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का दूसरा दिन शीर्ष टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुतियों के साथ आरंभ हुआ। इसमें उन्होंने शिष्टमंडलों को जेनेरेटिव आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस मॉडलों के उपयोग द्वारा राष्ट्रीय ई-विधान ऐप्लीकेशन ( एनइवीए ) को अधिक सुगम्य, खोजने योग्य, अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाला बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट, आईअीएम और गूगल इंक का प्रतिनिधित्व करते हुए सुशासन प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकीयों के क्षेत्र में नवीनतम सूचनाओं की जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री गुडे श्रीनिवास, आईएएस, ने उन राज्यों से सुशासन प्रदान करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकीयों के साथ कदम से कदम मिला कर चलने को कहा जहां पहले ही एनइवीए उपयोग में आ चुका है।
इसके बाद तकनीकी टीम ने एनइवीए के 17 मॉड्यूल के बारे में प्रस्तुति दी जिन्हें पहले ही कार्यान्वित किया जा चुका है। इसके बाद, कार्यशाला को एनइवीए परियोजना के कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले किसी भी संदेह और मुद्दो का समाधान करने के लिए प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिनिधियों ने उत्साह से भाग लिया। संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव एवं संसदीय कार्य मंत्रालय के अपर सचिव ने उठाये गए सभी बिन्दुओं का उत्तर दिया।
केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने राष्ट्रीय ई-विधान ऐप्लीकेशन (एनइवीए) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता की।
संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री गुडे श्रीनिवास, आईएएस, ने उपस्थित विशिष्ट जनसमूह को एनइवीए में उभरती प्रौद्योगिकीयों के उपयोग के दायरे और उसकी संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। अधिकतम पहुंच के लिए और लोगों के साथ व्यापक स्तर पर जुड़ने के लिए सभी मान्यता प्राप्त भाषाओं में टेक्स्ट को आवाज में बदलने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
राज्यसभा सचिवालय के सचिव और संसद टीवी के सीईओ श्री रजित पुन्हानी, आईएएस ने संसदीय कार्य मंत्रालय और भाग लेने वाले राज्यों को इस दो दिवसीय व्यावहारिक सत्र के लिए बधाई दी। यह संसदीय कार्यवाही की अभिलेखीय और पुनप्र्राप्ति प्रणाली को सुदृढ़ बनाएगा।
इलेक्ट्रोनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ( एमईआईटीवाई ) के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और जानकारी दी कि एनईवीए भारत सरकार की एक दूरदर्शी परियोजना है और सरकार की डिजिटल पहलों ने समाज को एक डिजिटल संरचना में रूपांतरित कर दिया है। आज डाटा सस्ता है, जिसके द्वारा भारत डिजिटल सोच पैदा कर रहा है और यह कृत्रिम आसूचना की तीसरी सबसे बड़ी इकोसिस्टम है। भारत एआई के 27 देशों के एक समूह का अध्यक्ष है।
केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने समापन भाषण में कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका ने पहले ही डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपना लिया है, विधानमंडलों को पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए बल्कि बदलते समय के साथ कदम मिलाने के लिए इसे अपनाया जाना चाहिए। इस डिजिटलीकरण से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और लोकतंत्र सुदृढ़ होगा। उन्होंने इस दिशा में संसदीय कार्य मंत्रालय से राज्य विधानमंडलों को पूरा सहयोग उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।
एनइवीए पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में, जिसका आज समापन हुआ, सभी 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 161 प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया गया। 21 विधानमंडलों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया है और 17 विधानमंडलों की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है तथा फंड जारी कर दिए गए हैं। उनमें से, 9 विधानमंडल पहले ही एनईवीए प्लेटफॉर्म पर लाइव हो चुके हैं। सहभागी प्रतिनिधियों ने पहली बार एनईवीए का अनुभव प्राप्त किया और उनमें से कुछ ने प्राथमिकता के आधार पर एनईवीए में शामिल होने के लिए कदम उठाने का वादा किया।