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भारतीय कंपनी द्वारा बनाई गयी कफ सिरप क़े खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की शिकायत पर CDSCO ने तुरंत जाँच शुरू की

भारतीय कंपनी द्वारा बनाई गयी कफ सिरप क़े खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की शिकायत पर CDSCO ने तुरंत जाँच शुरू की
  • PublishedOctober 7, 2022

भारतीय कंपनी द्वारा बनाई गयी कफ सिरप के खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की शिकायत पर CDSCO ने तुरंत जाँच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों क़े लिए भारत में बनी चार कफ सिरफ क़े खिलाफ अलर्ट जारी किया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंगित किया है कि भारत में निर्मित ये कफ सिरप गांबिया में हुई 66 बच्चों कि मौत क़े लिए जिम्मेदार हो सकता है।

भारतीय कंपनी द्वारा बनाई गयी कफ सिरप के खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन की शिकायत पर CDSCO ने तुरंत जाँच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों क़े लिए भारत में बनी चार कफ सिरफ क़े खिलाफ अलर्ट जारी किया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंगित किया है कि भारत में निर्मित ये कफ सिरप गांबिया में हुई 66 बच्चों कि मौत क़े लिए जिम्मेदार हो सकता है। सूत्रों क़े मुताबिक डब्लूएचओ से सूचना मिलते ही CDSCO ने स्टेट रेगुलट्री अथॉरिटीज क़े साथ मिलकर मामले की तुरंत जाँच शुरू कर दी है। CDSCO ने डब्लूचओ से आग्रह किया है कि वह संदेह क़े दायरे में आए कफ सिरप, लैब और प्रोडक्ट्स क़े फोटोग्राफ सहित सम्बंधित रिपोर्ट तुरंत साझा करें।

सूत्रों क़े मुताबिक डब्लूएचओ ने 29 सितम्बर 2022 को भारत के DCGI को सूचित किया था कि वह गांबिया को तकनीकि सलाह और सहायता दे रहा है जहाँ कई बच्चों की मौत क़े पीछे ऐसी दवा क़े इस्तेमाल पर संदेह है जो डाईएथिलिन ग्लाइकॉल या एथिलिन ग्लाइकॉल से दूषित रहा होगा।भारत के CDSCO ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को तुरंत जवाब दिया और मामले को जिस राज्य में कफ सिरप निर्मित किया जा रहा था वहां क़े स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी क़े साथ उठाया और बाद में एक विस्तृत जाँच शुरू क़ी।सूत्रों क़े मुताबिक़ आरंभिक जाँच में पाया गया है क़ी हरियाणा के सोनीपत स्थित मेडेन फार्मासिटिकल लिमिटेड ने इस प्रोडक्ट का निर्माण किया था।

इस कंपनी को स्टेट ड्रग कंट्रोलर से लाइसेंस और प्रोडक्ट क़े निर्माण क़े लिए अनुमति प्राप्त है। अभी तक कंपनी ने केवल गांबिया को ही प्रोडक्ट का निर्यात किया था। सूत्रों क़े मुताबिक जाँच क़े जो तत्काल परिणाम आये हैं उसमें 23 में से 4 सैंपल में डाईएथिलिन ग्लाइकॉल या एथिलिन ग्लाइकॉल पाया गया है। हालांकि अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मृत्यु क़े सीधे और सटीक कारण नहीं बताया है और न ही लेबल या प्रोडक्ट का ब्यौरा CDSCO से साझा किया गया है ताकि CDSCO प्रोडक्ट क़े निर्माण क़े स्रोत क़ी पुष्टि कर सके | पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है।