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‘ओ हमारे वज्र-दुर्दम’, पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता से अमिताभ बच्चन ने जवानों में भरा जोश

‘ओ हमारे वज्र-दुर्दम’, पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता से अमिताभ बच्चन ने जवानों में भरा जोश
  • PublishedMay 13, 2025

मेगास्टार अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उन्होंने अपने लेटेस्ट पोस्ट में पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता को शेयर किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि अपने कामों से ऐसा असर पैदा करो कि दुश्मन को उत्तर मिल जाए और शब्दों की जरूरत ही न पड़े। उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिए भारतीय सशस्त्र बलों का भी आभार जताया।

बोलना हो तो तुम्हारे हाथ की दो चोटें बोलें

बिग बी ने लिखा, ‘ओ हमारे वज्र-दुर्दम देश के विक्षुब्ध-क्रोधातुर जवानों, किटकिटाकर आज अपने वज्र के-से दांत भींचो, खड़े हो, आगे बढ़ो, ऊपर चढ़ो, बे-कंठ खोले, बोलना हो तो तुम्हारे हाथ की दो चोटें बोलें।’

अगर बोलना ही है, तो दुश्मन के मुंह पर तुम्हारे थप्पड़ की आवाज सुनाई दे

अमिताभ बच्चन ने लिखा, ”और, पूज्य बाबूजी के शब्द गूंज रहे हैं… जोर से और स्पष्ट… और प्रतिध्वनि के रूप में… देश के हर हिस्से से… हर कोने से… देश के आक्रोशित और समर्पित जवानों… उठो और आगे बढ़ो… बिना कोई आवाज दिए…अगर बोलना ही है… तो दुश्मन के मुंह पर तुम्हारे थप्पड़ की आवाज सुनाई दे।”

जब युद्ध का धमाका हमारे कानों में गूंजता है, तब बाघ की हरकतों की नकल करो

उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, ”शांति में मनुष्य के लिए कुछ भी नहीं है, जैसे संयमित स्थिरता और विनम्रता, लेकिन जब युद्ध का धमाका हमारे कानों में गूंजता है, तब बाघ की हरकतों की नकल करो। इस सुंदर प्रकृति को अपने क्रोध से छिपाओ, फिर आंख को एक भयानक रूप दो, जो ब्रह्मोस और आकाश तीर की तरह सिर के द्वार को भेद डालें। इसे खुद पर हावी होने दो, जैसे एक क्षत-विक्षत चट्टान, जो समुद्र के साथ बहती है। आगे, आगे, आप ‘सम्माननीय भारत के वीर नारे’, जिसका खून युद्धरोधी के पिताओं से मिला है और तुम, बहादुर वीर जवानों, जिनके अंग भारत माता की मिट्टी से बने हैं, दिखाओ तुम्हारी शारीरिक शक्ति की ताकत।’

एक्टर ने अंत में लिखा, ”बोलें, भयभीत करने वाली, युद्ध का नारा, स्वयं से पहले सेवा… जय हिंद, भारत माता की जय, वंदे मातरम।”