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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में लेंगी भाग, प्रवासी भारतीय सम्मान भी करेंगी प्रदान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में लेंगी भाग, प्रवासी भारतीय सम्मान भी करेंगी प्रदान
  • PublishedJanuary 10, 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज शुक्रवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भाग लेंगी। इस अवसर पर वे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान भी प्रदान करेंगी। यह पुरस्कार किसी अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के व्यक्ति अथवा एन.आर.आई. या पी.आई.ओ द्वारा स्थापित किसी संगठन या संस्था को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

बताना चाहेंगे बुधवार से शुरू हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। राष्ट्रपति 8 जनवरी से शुरू हुए इस सम्मेलन में अपना समापन भाषण भी देंगी। राष्ट्रपति गुरुवार को भुवनेश्वर पहुंचीं और भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और भाजपा पार्टी के अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया।

27 व्यक्तियों और संगठनों को किया जाएगा सम्मानित

प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का मुख्य आकर्षण प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए) प्रदान करना है। इस वर्ष अमेरिका, फिजी, गुयाना, मॉरीशस, मोल्दोवा, म्यांमार, रूस और सऊदी अरब जैसे देशों से 27 व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाएगा।

3 जनवरी को इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं के नामों की हुई थी घोषणा

विदेश मंत्रालय ने 3 जनवरी को इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की। पुरस्कार विजेताओं में ब्रिटेन की बैरोनेस उषा कुमारी पराशर (राजनीति के क्षेत्र में), अमेरिका की डॉ. शर्मिला फोर्ड (सामुदायिक सेवा के लिए) और सऊदी अरब के डॉ. सैयद अनवर खुर्शीद (चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में) शामिल हैं।

यह प्रतिष्ठित सम्मान अनिवासी (नॉन रेसिडेंट) भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों या उनके द्वारा स्थापित और संचालित संगठनों को प्रदान किया जाता है। पीबीएसए विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देता है और शिक्षा, विज्ञान और नवाचार, व्यापार और उद्योग, कला और संस्कृति, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक सेवा और परोपकार जैसे क्षेत्रों में एनआरआई और पीआईओ की उपलब्धियों और प्रतिबद्धताओं का जश्न मनाता है।

इस उपलक्ष्य में मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस

उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को महात्मा गांधी के 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसी क्रम में बुधवार को भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत हुई। यहां मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने इस बार भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का किया औपचारिक उद्घाटन

प्रतिनिधि तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न पूर्ण सत्रों में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भुवनेश्वर के जनता मैदान में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया।

दुनिया के विभिन्न कोनों से करीब 5,000 प्रतिनिधि हुए शामिल

इस भव्य सम्मेलन में दुनिया के विभिन्न कोनों से करीब 5,000 प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर चार प्रदर्शनियों का भी उद्घाटन किया, जिसमें ‘विश्वरूप राम’, दुनिया भर में रामायण की विरासत को उजागर करता है, ‘प्रवासी भारतीयों का प्रौद्योगिकी में योगदान’, ‘भारत भारतीय: स्वदेश परदेस’, जिसमें गुजरात से ओमान में लोगों के प्रवास पर अभिलेखीय संग्रह प्रदर्शित किए गए और ‘ओडिशा की विरासत और संस्कृति पर प्रदर्शनी’, जिसमें ओडिशा के इतिहास और संस्कृति के कालातीत गौरव को उजागर किया गया।

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा को रिमोट से हरी झंडी दिखाई, जो भारतीय प्रवासियों के लिए डिजाइन की गई एक विशेष पर्यटक ट्रेन है। यह ट्रेन तीन सप्ताह में पूरे भारत में सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के विभिन्न स्थलों का दौरा करेगी।

पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी की मांग की

उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी की मांग की। वैश्विक समुदाय को दिए गए संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भविष्य ‘युद्ध’ में नहीं बल्कि बुद्ध में है।