दीयों के साथ-साथ गोबर से बनी लक्ष्मीजी की प्रतिमाओं के प्रति लोगों का भारी उत्साह
दीपावली पर इस बार गोबर के दीयों के साथ-साथ गोबर से बनी लक्ष्मीजी की प्रतिमाओं की पूजा के प्रति लोगों का भारी उत्साह है। पर्यावरण के प्रति बढ़ रही जागरुकता का असर त्योहारों पर नजर आ रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल दीपावली के लिए मिट्टी से बनी लक्ष्मीजी की प्रतिमाओं के निर्माण में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है।
मिट्टी के अलावा अब कई कारीगर गोबर समेत पंचगव्य से बनी मां की प्रतिमाएं, दीये, धार्मिक प्रतीक चिह्न, स्वास्तिक की आकृतियां बना रहे हैं। एक अनुमान के तहत राजधानी में हजाराें प्रतिमाओं की खपत होगी, लेकिन मांग की पूर्ति करने व्यापारी दिल्ली, मथुरा से भी मूर्तियां मंगा रहे हैं। निर्माण सामग्री महंगी होने के कारण प्रतिमाओं की कीमत में 10 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी।
टोंक रोड सांगानेर स्थित सनराइज ऑर्गेनिक फार्म में हैनीमैन चैरिटेबल मिशन सोसायटी ओर से गोबर और पंच गव्य से लक्ष्मी प्रतिमाएं बनाई जा रही है। इन्हें चमकाने के लिए हल्की मात्रा में लकड़ी का बुरादा, दूध और चंदन पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।
सोसायटी की सचिव मोनिका गुप्ता ने बताया कि आर्गेनिक फार्म को देश के बड़े शहरों से भी ऑर्डर मिले हैं। यहां बड़ी संख्या में गोबर व मिट्टी से लक्ष्मी प्रतिमाएं बनाई जा रही है। दशहरे के बाद इनके निर्माण का काम शुरू हो गया था। इन प्रतिमाओं में हर्बल कलर किया जाता है, ताकि इनकी शुद्धता बनी रहे। घर में पूजन के लिए ज्यादातर लोग छोटी प्रतिमा पसंद कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दो साल से लोग मिट्टी से बनी लक्ष्मी प्रतिमाओं की ही अधिक मांग करते हैं। इसलिए राजधानी में पीओपी की प्रतिमाएं बहुत कम खरीदी जा रही है। वहीं व्यापारी मथुरा और दिल्ली से डिमांड पर प्रतिमाएं मंगवा रहे हैं।