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दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंची, राष्ट्रीय राजधानी में छाई धुंध

दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंची, राष्ट्रीय राजधानी में छाई धुंध
  • PublishedOctober 22, 2024

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई, सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता बेहद खराब होने के बाद प्रदूषण से निपटने के लिए शहर में पानी का छिड़काव का इस्तेमाल किया जा रहा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने सोमवार को आपातकालीन बैठक कर स्थिति की समीक्षा कर ग्रेडेड एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण दो की पाबंदियां लगाने की सिफारिश की।

सर्दी के आगमन के साथ ही मौसम के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैरता हुआ दिखाई दे रहा है। यहां इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में AQI गिरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 328 पर पहुंच गया है तो वहीं आनंद विहार, कालकाजी, नेहरू प्लेस और अक्षरधाम मंदिर जैसे इलाकों में कोहरे की मोटी परत देखी गई। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में धुंध बढ़ने से वायु गुणवत्ता में भी गिरावट आ रही है। इस बारे में लोगों का कहना है कि पूरी दिल्ली ही दम तोड़ रहीं हैं, कोई देखने-सुनने वाला नहीं, न पानी साफ़, न हवा साफ़ और न ही साफ़ रास्ते हैं।

सीपीसीबी ने शहर की हवा को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा, जिसमें निवासियों, खासकर सांस की बीमारी वाले लोगों के स्वास्थ्य पर संभावित प्रभावों की चेतावनी दी गई है। आपको बता दें बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने सोमवार को आपातकालीन बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और ग्रेडेड एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण दो की पाबंदियां लगाने की सिफारिश की है। यह पाबंदियां मंगलवार सुबह आठ बजे से लागू हो रही हैं। इस संबंध में कल आयोग ने सभी संबंधित विभागों और संस्थानों को आदेश जारी कर दिया है।

दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रेप के चार चरण बनाए गए हैं। इसमें ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है। ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है। हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (एक्यूआई 401 से 450) पर ग्रेप-3 और एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है। इस दौरान ऐसी चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जाती है जिससे हवा में प्रदूषण न फैले। अब देखना यह है किये जा रहे प्रयास कितने कारगर होंगे ? क्या इनसे दिल्ली का वायु प्रदुषण कम होगा और लोगों को दमघोटू हवा से निजात मिलेगी।