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कारगिल विजय दिवस पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत रक्षा क्षेत्र में हुआ आत्मनिर्भर’

कारगिल विजय दिवस पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत रक्षा क्षेत्र में हुआ आत्मनिर्भर’
  • PublishedJuly 26, 2024

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश शहीदों को नमन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों में हम यह कह सकते हैं कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ है। दस वर्षों में भारत में 70% रक्षा उपकरणों का उत्पादन हुआ है।

25,000 करोड़ रुपए के डिफेंस उपकरण हुए एक्सपोर्ट

उन्होंने कहा कि भारत में बने रक्षा उपकरण 80 देश में एक्सपोर्ट हो रहे हैं। करीब 25,000 करोड़ रुपए के डिफेंस उपकरण एक्सपोर्ट हुए हैं। ज्ञात हो, पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और सशक्त राष्ट्र बनाना है। इसी क्रम में रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्ति की दिशा में समय-समय पर विभिन्न कदम उठाए जाते रहे हैं। आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर इन्हीं का जिक्र केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने शब्दों में किया।

6,800 किलोमीटर से अधिक बॉर्डर एरिया में सड़कें बनाई जा चुकी हैं

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, आज 6800 किलोमीटर से अधिक बॉर्डर एरिया में सड़कें बनाई जा चुकी हैं। साथ ही साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया है जिसमें टेलीकॉम कनेक्टिविटी ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम हुआ है। कांग्रेस के समय पर ऐसी स्थिति थी कि वहां पर सड़कें नहीं बनाई जाती थी।

उन्होंने यह भी कहा कि बहुत लंबे समय से सीडीएस के जरिए इंटीग्रेशन की रिक्वायरमेंट थी जिसे मोदी सरकार में पूरा किया गया है जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि तीनों सेनाओं का आपस में सामंजस्य बना रहे हैं। कांग्रेस के समय नाम सिर्फ एक परिवार के नाम पर नाम होते थे लेकिन आज मोदी सरकार में शूरवीरों के नाम पर नामकरण किए जाते हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 सालों में भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता दिलाई है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत सरकार के लगातार प्रयास अब देने लगे लाभ

गौरतलब हो, आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत सरकार के लगातार प्रयास अब लाभ देने लगे हैं, क्योंकि, भारत का रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित करने जैसी पहल के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि आधुनिक सैन्य साजो-सामान न केवल भारत में निर्मित हो, बल्कि उन्हें मित्र देशों को भी निर्यात किया जाए। वहीं पहले भारत को हथियार आयातक राष्ट्र के रूप में जाना जाता था। लेकिन, आज भारत अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आ गया है और हमने हथियार निर्यातक शीर्ष-25 देशों की सूची में जगह बना ली है। कुछ साल पहले तक भारत के रक्षा क्षेत्र का निर्यात 1,000 करोड़ रुपये तक भी नहीं पहुंच पाता था, जबकि आज तस्वीर बदल चुकी है।

पांच साल में देश का रक्षा उत्पादन मूल्य 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ा

जी हाँ, सरकार ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि हासिल की है। पिछले पांच साल में देश का रक्षा उत्पादन का मूल्य 60 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान देश में रक्षा उत्पादन का मूल्य रिकॉर्ड-उच्च स्तर यानी 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के रक्षा उत्पादन की तुलना में 16.7 फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपये था।

कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती आज

उल्लेखनीय है, आज देश भर में कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में आज का दिन यानि 26 जुलाई हर भारतीय के लिए बेहद खास है। दरअसल, इस दिन वर्ष 1999 में भारतीय सेना ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान को कारगिल की लड़ाई में हराया था। यह युद्ध करीब 84 दिन तक चला था। ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में भारत के लिए यह गौरवशाली तारीख है। इसलिए आज (शुक्रवार) 26 जुलाई 2024 को राष्ट्र भारतीय सेना के सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए ‘कारगिल विजय दिवस’ मना रहा है और शहीदों को नमन कर रहा है।