भारत मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान, कुछ देर में हो सकती है दिल्ली-एनसीआर में बरसात
भारत मौसम विज्ञान विभाग का बारिश के सिलसिले में आज (गुरुवार) सुबह जारी पूर्वानुमान दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत प्रदान करने वाला है। दरअसल, मौसम विभाग ने सुबह 7:21 पर अपने एक्स हैंडल पर ताजा पूर्वानुमान जारी किया है।
इन इलाकों में बारिश की संभावना
विभाग ने कहा है कि अगले दो घंटे में उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, मध्य दिल्ली, एनसीआर (लोनी देहात, हिंडन एयर फोर्स स्टेशन, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, इंदिरापुरम), छपरौला, सोनीपत, रोहतक, खरखौदा (हरियाणा), बागपत, खेकड़ा, मोदीनगर, पिलखुआ (उत्तर प्रदेश) के कुछ स्थानों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश और हवाएं चलेंगी।
30 जून के आसपास दिल्ली-एनसीआर में मानसून के पहुंचने की उम्मीद
इस बीच, चूंकि राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्र में भीषण गर्मी का मौसम जारी है, इसलिए आईएमडी ने बुधवार को कहा कि 30 जून के आसपास दिल्ली-एनसीआर में मानसून के पहुंचने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है।
दिल्ली-एनसीआर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद
आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने कहा, “हमने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, लेकिन बुधवार को स्थिति में सुधार हुआ है। बिहार में बारिश की गतिविधियां हुई हैं। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के लिए हमने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए हमने अगले 2 दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। 30 जून के आसपास दिल्ली-एनसीआर में मानसून आने की उम्मीद है।”
हीट वेव से अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज
वहीं बुधवार को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने संदिग्ध हीटस्ट्रोक के कारण पांच लोगों की मौत की सूचना दी, जबकि कम से कम 12 लोग, जिनमें से ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर थे, गंभीर हालत में वेंटिलेटर सपोर्ट पर अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे थे। आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला के अनुसार, मंगलवार को हीट स्ट्रोक के कारण 11 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जो इस मौसम में एक दिन में दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है। उन्होंने कहा कि लगभग एक महीने पहले हीटवेव की शुरुआत के बाद से अब तक कम से कम 45 लोगों को हीट-संबंधी बीमारियों के कारण भर्ती कराया गया है।
इन्हें हीटस्ट्रोक होने का खतरा बहुत
अस्पताल के अधिकारी ने बताया, “कुल 22 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और पांच की मौत संदिग्ध हीटस्ट्रोक के कारण हुई है। 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत गंभीर है। अधिकांश मरीज मजदूर हैं जो अत्यधिक परिस्थितियों में काम करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मौतों का मुख्य कारण अस्पताल पहुंचने में देरी है। उन्होंने कहा, “अभी तक हमारे पास कुल 45-50 मरीज आए हैं और हीटवेव की स्थिति शुरू होने के बाद से करीब 7 लोगों की मौत हो चुकी है।” “अधिकांश मरीज गरीब प्रवासी मजदूर हैं। वे बहुत अधिक शारीरिक श्रम करते हैं, इसलिए उन्हें हीटस्ट्रोक होने का खतरा बहुत अधिक है। अधिकांश मरीज इसलिए मरते हैं क्योंकि वे अस्पताल पहुंचने में देरी करते हैं। इसमें मृत्यु दर 60-70 प्रतिशत है। यदि उपचार में देरी होती है, तो मौतों की संख्या काफी अधिक हो सकती है।”
डॉक्टर ने कहा कि अधिकांश मरीज मध्यम आयु वर्ग के थे। आरएमएल अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के एचओडी डॉ. अमलेंदु यादव ने कहा, “उनमें से अधिकतर मजदूर हैं, उनमें से अधिकतर परिवार के कमाने वाले हैं। यह मरीजों का एक समूह है। वहीं मरीजों का दूसरा समूह उपेक्षित मरीज हैं, बुजुर्ग जो अपने घर में हैं। ज्यादातर वे ऊपरी मंजिल पर थे; वे अपनी वृद्धावस्था के कारण अपने जलपान का ध्यान नहीं रख रहे थे।” (इनपुट-एएनआई)