भारत

18वें MIFF में एशियाई महिला फिल्मकारों की प्रस्तुतियों का मनाया गया उत्सव, विशेष पैकेज में शामिल हैं 5 असाधारण फ़िल्में

18वें MIFF में एशियाई महिला फिल्मकारों की प्रस्तुतियों का मनाया गया उत्सव, विशेष पैकेज में शामिल हैं 5 असाधारण फ़िल्में
  • PublishedJune 18, 2024

18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में एक विशेष पैकेज के साथ एशियाई महिला फिल्मकारों की प्रस्तुतियों का उत्सव मनाया गया। “एशियन वुमन फिल्ममेकर” नाम के इस पैकेज में 5 असाधारण फ़िल्में शामिल हैं जो पूरे एशिया की 6 महिला निर्देशकों की प्रतिभा को प्रदर्शित करती हैं। दरअसल यह पैकेज सिनेमा में महिलाओं की आवाज़ की शक्ति और समानता की उनकी खोज का प्रमाण है। इस विशेष समूह में डुएट, टकीला सनसेट, अमेरिकन ड्रीम और ट्राइएंगिल नामक फ़िल्में शामिल है।

इस बारे में जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (MIFF) में फिल्म उद्योग में महिलाओं की क्षमता, सहनशीलता और रचनात्मकता का उत्सव मनाते हुए “एशियाई महिला फिल्मकारों” (एशियन वुमन फिल्ममेकर) शीर्षक से एक विशेष पैकेज प्रस्तुत किया गया। रेडियो और टेलीविजन में महिलाओं के अंतर्राष्ट्रीय संघ (इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमन इन रेडियो एंड टेलीविजन) द्वारा प्रस्तुत यह अनूठा संग्रह सशक्तिकरण, सफलता की खोज और समानता जैसे विषयों पर प्रकाश डालता है। यह दर्शकों के सामने विविध और प्रेरणादायक कहानियों की श्रृंखला की पेशकश करता है।

बता दें, “एशियाई महिला फिल्म निर्माता” पैकेज में पांच असाधारण फ़िल्में शामिल हैं जो पूरे एशिया की छह महिला निर्देशकों की प्रतिभा को प्रदर्शित करती हैं। प्रत्येक फ़िल्म अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक चुनौतियों और महिलाओं के अदम्य साहस पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करती है। इस विशेष समूह में डुएट, टकीला सनसेट, अमेरिकन ड्रीम और ट्राइएंगिल नामक फ़िल्में शामिल है। आइये आपको इन फ़िल्मों और इनके निर्देशकों के बारे में बताते हैं।

एकिन इल्कबाग और इदिल अक्कस द्वारा निर्देशित, “डुएट” मिसरा और डेफने की कहानी बताती है, जो दो समकालीन तैराकी भागीदार और करीबी दोस्त हैं, जो 2016 में असफल होने के बाद 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का प्रयास करती हैं। उनकी यात्रा चुनौतियों से भरी हुई है, जिसमें एक निष्पक्षी महासंघ, कोविड-19 महामारी और महिलाओं एवं एलजीबीटीक्यूआईए प्लस समुदाय के प्रति दमनकारी/ उत्पीड़क समाज में रहना शामिल है। फ़िल्म की निर्देशक एकिन इल्कबाग यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन से स्नातक, सहायक निर्देशक के रूप में काम करने के लिए इस्तांबुल लौट आईं थीं। उनकी पहली फीचर फिल्म “डुएट” (2022) ने 59वें एंटाल्या गोल्डन ऑरेंज फिल्म फेस्टिवल में विशेष जूरी पुरस्कार जीता था। इस फ़िल्म की दूसरी निर्देशक इदिल अक्कस इस्तांबुल में रहने वाली एक स्वतंत्र निर्देशक और फिल्म संपादक हैं, इदिल ने इस्तांबुल विश्वविद्यालय से डिग्री ली है। उन्होंने मुख्य रूप से टेलीविजन सीरीज और वृत्तचित्रों पर काम किया है। यह फिल्म दर्शकों को दृढ़ संकल्प और सहनशीलता के साथ बाधाओं को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो पात्रों के साहस को मूर्त रूप देती है।

टकीला सनसेट फ़िल्म जिया नाम की 70 वर्षीय महिला की कहानी है, जो अपने मनोभ्रंश (डिमेंशिया) से पीड़ित पति की देखभाल के बोझ से निपटने के लिए रचनात्मक समाधानों की कल्पना करती है। जिया की यात्रा बुजुर्ग महिलाओं के संघर्षों और सपनों की एक मार्मिक खोज है। टकीला सनसेट को जिनसुई सोंग द्वारा निर्देशित किया गया है। बता दें की चीन के शेनझेन में पली-बढ़ी जिनसुई ने पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक आकांक्षाओं के बीच संतुलन बनाए रखा है। उनकी फ़िल्में चीनी और चीनी-अमेरिकी महिलाओं के अनुभवों पर केंद्रित हैं।

वहीं, “ट्राइएंगिल” दो महिलाओं के बीच जटिल स्थितियों की खोज करती है जो व्यक्तिगत रूप से यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थीं। उनकी स्थितियों को जटिल बनाते हैं और उनके अनुभवों की बारीकियों को रेखांकित करते हुए उनके रास्ते एक-दूसरे से मिलते हैं। फ़िल्म की निर्देशक झिनो हादी ने सुलेमानिया में जन्म लिया। सुलेमानिया विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और बाद में सिनेमा में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

अमेरिकन ड्रीम रेनी शी द्वारा बनाई गई यह एनिमेशन फिल्म एक छोटी लड़की की कहानी है जो स्कूल में हुई गोलीबारी में मृत होने का नाटक करके बच जाती है। यह फिल्म ऐसी त्रासदियों के सभी पीड़ितों को समर्पित है और बचे हुए लोगों द्वारा अनुभव किए गए लंबे समय तक बनी रहने वाली मानसिक पीड़ा की पड़ताल करती है। फ़िल्म की निर्देशक रेनी शी फेयरफैक्स, वर्जीनिया में जन्मी रेनी एक हाई स्कूल की छात्रा है जिसे ड्राइंग, एनिमेशन, लेखन और क्रॉचिंग का शौक है। “अमेरिकन ड्रीम” स्कूल शूटिंग के पीड़ितों के लिए उनकी भावपूर्ण श्रद्धांजलि है।

इस विशेष पैकेज की अन्य फ़िल्म “हैप्पी इंडिपेंडेंस डे” कैमिला सागिन्तकन द्वारा निर्देशित की गयी है, यह फिल्म कजाकिस्तान की नई पहचान की तलाश की एक प्रतीकात्मक खोज है। यह एक मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति मरात की कहानी है जो अपने प्यार को खोने के बाद, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों के बीच जीवन के मायने तलाशने के लिए संघर्ष कर रहा है। निर्देशक कैमिला सागिन्तकन सेंट पीटर्सबर्ग में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद कजाकिस्तान लौट आई थीं। उन्होंने एक 1 एडी, निर्माता, लेखक और स्क्रिप्ट सुपरवाइजर के रूप में काम किया है।

दरअसल ये फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि दर्शकों को विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की महिलाओं की नजर से दुनिया को देखने के लिए प्रेरणा देती है और चुनौतियों के बारे में भी बताती है।