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ICDRI’ आपदा प्रबंधन का बना वैश्विक मंच, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने की 3 बड़ी अनुशंसाएं

ICDRI’ आपदा प्रबंधन का बना वैश्विक मंच, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने की 3 बड़ी अनुशंसाएं
  • PublishedApril 24, 2024

नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आज (बुधवार) इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रेसिलिएंट डिजास्टर का आयोजन किया गया। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी. के मिश्रा ने संबोधित किया। उन्होंने कहा, पिछले दशक में हमने जो निवेश किया है, उससे लोगों का जीवन बेहतर हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का आह्वान किया है। इस दौरान पी. के मिश्रा की ओर से कमोबेश तीन बड़े रिकमंडेशन भी सामने आए।

ग्लोबल साउथ की आवाज बनना बहुत महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा, ग्लोबल साउथ की आवाज बनना सीडीआरआई के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दूसरा, उन्होंने यह भी कहा कि आईलैंड स्टेट्स को कैसे फाइनेंस मुहैया कराया जाए, तकनीक मुहैया कराई जाए, उस पर कई सारे रिकमंडेशन अपेक्षित है। अगले दो दिनों में भारत मंडपम में जो मंथन होगा उससे नई सिफारिशें निकलकर सामने आएंगी।

दुनिया की तरफ बढ़ाते रहेंगे मदद का हाथ

तीसरा, भारत की ओर से उन्होंने पूरे देश से ये कमिटमेंट भी की है कि हम क्लाइमेट रेजिलिएंट और डिजास्टर रेजिलिएंट यानी दोनों ही तरह की परिस्थितियों में एक रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करते रहेंगे और दुनिया की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते रहेंगे।

बताना चाहेंगे सीडीआरआई भारत की देन है और प्रधानमंत्री मोदी का विजन है। इसका कार्य पूरे विश्व में डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को बढ़ावा देना, साथ ही तकनीक और फाइनेंस के जरिए ऐसे देशों की मदद करना है जहां पर ऐसी सुविधाएं नहीं है। आज सीडीआरआई की एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस उसी G20 की वर्किंग ग्रुप के बाद एक वैश्विक मंच बन चुका है जिसका आज भारत प्रतिनिधित्व कर रहा है।