सफल रहा ‘पुष्पक’ का दूसरा लैंडिंग टेस्ट, भारत का फ्यूचरिस्टिक रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आरएलवी यानी रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल लैंडिंग प्रयोग में एक और बड़ी सफलता अर्जित की है। दरअसल, इसरो के स्वदेशी स्पेस शटल को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में आज (शुक्रवार) सुबह सफलतापूर्वक लैंड करवाया गया। इसे पृथ्वी पर वापस लाकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
https://x.com/isro/status/1770996593292136953?s=20
RLV-रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल से किया गया लॉन्च
स्लीक बॉडी और एसयूवी के आकार वाले विंग्ड रॉकेट को पुष्पक विमान नाम दिया गया है। इसे RLV-रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया गया है। इसरो ने इस संबंध में एक्स पर कहा कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आरएलवीएलईएक्स-02 लैंडिंग एक्सपेरिमेंट के जरिए मील का पत्थर साबित हुआ। यह टेस्ट चित्रदुर्ग के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में सुबह 7:10 बजे किया गया। ‘पुष्पक’ को वायुसेना के हेलीकॉप्टर चिनूक से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया।
https://x.com/isro/status/1770998585003512045?s=20
पुष्पक विमान के जरिये भारत स्पेस में मलबे को करेगा कम
गौरतलब है कि 2 अप्रैल 2023 को कर्नाटक के चित्र दुर्ग में इसरो, डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना ने मिलकर पुष्कर विमान की टेस्टिंग की थी। यह भारत का फ्यूचरिस्टिक रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल है। दरअसल, भारत स्पेस में मलबे को कम करना चाहता है। पुष्पक विमान उसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
पुष्पक ऐसा लॉन्च वाहन जो दोबारा लाया जा सकता है इस्तेमाल में
पुष्पक ऐसा लॉन्च वाहन है जो दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है। पुष्पक (RLV-रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ) तकनीक से अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने की लागत में काफी कमी आएगी। वहीं इसरो 2035 तक अंतरिक्ष में स्टेशन बनाने के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है।
इसरो प्रमुख ने इस सफलता पर टीम को दी बधाई
बताना चाहेंगे, इस मिशन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) ने तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) और इसरो जड़त्व प्रणाली इकाई (आईआईएसयू) के साथ पूरा किया था। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने इस जटिल मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के लिए टीम को बधाई दी। वीएसएससी के निदेशक डॉ. एस उन्नीकृष्णन नायर ने यह सफलता भविष्य के ऑर्बिटल रि- प्रवेश मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुष्पक विमान मिशन की टीम का मार्गदर्शन सुनील पी, कार्यक्रम निदेशक, उन्नत प्रौद्योगिकी और सिस्टम कार्यक्रम, वीएसएससी ने किया।