9वें रायसीना डायलॉग का आज दूसरा दिन, लोकतंत्र और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा
ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान करने के लिए भारत की भूमिका सर्वसम्मति निर्माता के रूप में अहम हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने भारत को ग्लोबल साउथ में लोकतंत्र का अग्रदूत बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
9वें रायसीना डायलॉग का आज दूसरा दिन है। इससे पहले 21 फरवरी बुधवार को नई दिल्ली में पीएम मोदी ने इस सम्मेलन उद्घाटन किया। इस मौके पर ग्रीस के PM किरियाकोस मित्सोटाकिस ने बतौर चीफ गेस्ट भाषण दिया। गौरतलब है कि यह सम्मेलन 23 फरवरी तक चलेगा। ग्रीस के प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान करने के लिए भारत की भूमिका सर्वसम्मति निर्माता के रूप में अहम हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने भारत को ग्लोबल साउथ में लोकतंत्र का अग्रदूत बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
रायसीना डायलॉग में इस वर्ष की थीम चतुरंग रखा गया
रायसीना डायलॉग इस वर्ष की थीम चतुरंग है। यानी कॉनफ्लिक्ट (संघर्ष), कॉन्टेस्ट (प्रतियोगिता), को-ऑपरेट (सहयोग) और क्रिएट (निर्माण)। चतुरंग असल में भारत में शुरू हुआ एक प्राचीन खेल है, जिसे शतरंज खेल का पुराना स्वरूप कहा जाता है। इस बार डायलाॅग में जियोपाॅलिटिक्स, इकोनाॅमी,तकनीकी विकास,जलवायु परिवर्तन,आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस,लोकंतंत्र जैसे विषय शामिल किए गए हैं। पहले दिन विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने रायसीना डायलॉग में जुड़ने के लिए ग्रीस के पीएम को धन्यवाद कहा। भूमध्यसागर के क्षेत्र में भारत की बढ़ती रुचि हमारे निरंतर विकास का एक अहम पहलू है। इसमें भारत-ग्रीस साझेदारी निश्चित तौर पर एक आधार के रूप में काम कर सकती है।
रायसीना डायलाॅग में 115 देशों 2500 से अधिक प्रतिनिधि ले रहे भाग
इस बार के रायसीना डायलॉग में 115 देशों के 2500 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस दौरान रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जंग के अलावा कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इसमें UNSC का विस्तार, दुनिया में ग्लोबल साउथ देशों की बढ़ती भागीदारी, इंडो-पैसिफिक में शांति, AI और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे शामिल हैं।
रायसीना डायलाॅग के बारे में
यह डायलाॅग जियोपाॅलिटी और इकोनाॅमी जैसे मुद्दों पर भारत का एक प्रमुख सम्मेलन है, इसे 2016 से प्रतिवर्ष नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। इसमें राज्य के प्रमुख,कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सरकारी अधिकारी, निजी क्षेत्र,मीडिया और शिक्षाविद शामिल होते हैं। गौरतलब है कि इस डायलाॅग पर दुनियाभर के नीति निर्माताओं और जियोपॉलिटिक्स में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों की नजर रहती है।