प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए : केंद्र सरकार
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए। योजना के तहत 6.2 करोड़ मुफ्त अस्पताल भर्ती से गरीब और कमजोर तबके के लोगों की 1.25 लाख करोड़ से अधिक रुपये की बचत हुई। अंतिम लाभार्थी तक पहुंचने के लिए, एनएचए ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ‘आयुष्मान ऐप’लॉन्च किया है। लाभार्थी अपने मोबाइल फोन से आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। इस योजना का लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) ने 12 जनवरी को 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की बड़ी सफलता हासिल की है। इस प्रमुख योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) कार्यान्वित कर रहा है। इसका लक्ष्य 12 करोड़ लाभार्थी परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।
हर मिनट लगभग 181 आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं
आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत आयुष्मान कार्ड का निर्माण सबसे बुनियादी गतिविधि है और यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार ठोस प्रयास किए जा रहे हैं कि योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड हो। लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप, इस योजनाके तहत 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की उपलब्धि हासिल हो चुकी है। पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान ही 16.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान 7.5 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि हर मिनट लगभग 181 आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।
विकासशील भारत संकल्प यात्रा से जमीनी स्तर पर कार्ड निर्माण में तेजी आई
15 नवंबर, 2023 को शुरू की गई विकासशील भारत संकल्प यात्रा के दौरान दी जाने वाली ऑन-स्पॉट सेवाओं में आयुष्मान कार्ड निर्माण भी शामिल है। इस अभियान से जमीनी स्तर पर कार्ड निर्माण में तेजी लाने में काफी मदद मिली है। इस यात्रा के दौरान 2.43 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा, विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए आयुष्मान भव अभियान (17 सितंबर 2023 को लॉन्च) के दौरान 5.6 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ‘आयुष्मान ऐप’लॉन्च
वहीं दूसरी तरफ अंतिम लाभार्थी तक पहुंचने के लिए, एनएचए ने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ‘आयुष्मान ऐप’भी लॉन्च किया है। इस ऐप में स्व-सत्यापन की एक अनूठी सुविधा है। 4 साधारण चरणों में, इस सुविधा से उपयोगकर्ता एंड्रॉइड मोबाइल फोन का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बना सकता है। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड बनाने में मदद कर सकता है। इस प्रकार, आयुष्मान ऐप जनभागीदारी की भावना को मजबूत करता है। इस एप्लिकेशन की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 13 सितंबर 2023 को लॉन्च होने के बाद से इस ऐप को 52 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
11 राज्यों में 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड धारक
ज्ञात हो कि 4.83 करोड़ आयुष्मान कार्डों के साथ, उत्तर प्रदेश सबसे अधिक संख्या में आयुष्मान कार्ड बनाने वाले राज्यों की सूची में शीर्ष पर है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र क्रमशः 3.78 करोड़ और 2.39 करोड़ आयुष्मान कार्डों के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। 11 राज्यों में 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड धारक हैं। सबसे अधिक संख्या में आयुष्मान कार्ड वाले शीर्ष दस राज्य, उत्तर प्रदेश में 4.8 करोड़ आयुष्मान कार्ड, मध्य प्रदेश में 3.8 करोड़, महाराष्ट्र में 2.4 करोड़, गुजरात में 2.3 करोड़, छत्तीसगढ़ में 2.1 करोड़, असम में 1.6 करोड़, राजस्थान में 1.6 करोड़, कर्नाटक में 1.5 करोड़, आंध्र प्रदेश में 1.5 करोड़, झारखंड में 1.2 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाये गए हैं।
महिलाओं के लिए लगभग 14.6 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए
इसके अलावा 14 जनवरी तक महिलाओं के लिए लगभग 14.6 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। यह योजना महिला लाभार्थियों को जारी किए गए 49 प्रतिशत आयुष्मान कार्डों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में क्षेत्रीय समानता और आय समानता के साथ लैंगिक समानता हासिल करने का प्रयास कर रही है। बता दें की इस योजना के तहत प्रदान किए गए उपचार का 48 प्रतिशत लाभ महिला द्वारा उठाया गया है।
वेबसाइट से ले और अधिक जानकारी
मंत्रालय ने बताया कि आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती की सुविधा दी गई। जिस पर 79,157 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया। यदि लाभार्थियों ने एबी पीएम-जेएवाई के दायरे से बाहर अपने दम पर समान उपचार का लाभ उठाया होता, तो उपचार की कुल लागत लगभग 2 गुना अधिक हो जाती। इस प्रकार, गरीबों और वंचित परिवारों के जेब खर्च से 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई। जिन लोगों को योजना के बारे में और अधिक जानना हैं वे इससे सम्बन्धित वेबसाइट https://dashboard.pmjay.gov.in/pmj/#/ पर विजिट कर सकते हैं।