पुतिन का मोदी को रूस आने का न्यौता, कहा- दुनिया में उथल-पुथल के बीच रूस-भारत के बीच मजबूत रिश्ते
रूस की पांच दिनों की यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। राष्ट्रपति व्लादिमीर के साथ बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार में 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया। जयशंकर ने आगे विकास की संभावना और अधिक टिकाऊ रिश्ते की आवश्यकता पर जोर दिया। पुतिन ने गर्मजोशी के साथ जयशंकर से मुलाकात की और भारतीय पीएम मोदी को अगले साल रूस आने का न्यौता दिया। इस दौरान पुतिन ने कहा कि अगला साल चुनाव के लिहाज से भारत के लिए बहुत व्यस्त रहने वाला है। चुनाव के लिए उन्होंने मोदी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि चुनावी जीत किसी की भी हो, भारत-रूस के रिश्ते मजबूत और स्थिर बने रहेंगे।
न्यूक्लियर सेक्टर पर हुई चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सहयोग के प्रमुख पहलुओं को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री ने कुडनकुलम परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने पर प्रकाश डालते हुए परमाणु क्षेत्र पर चर्चा की। उन्होंने परमाणु ईंधन आपूर्ति पर एक महत्वपूर्ण समझौते को अंतिम रूप दिए जाने का खुलासा किया, जो परमाणु क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग में प्रगति का संकेत देता है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पोस्ट में कहा
एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इसकी जानकारी जयशंकर ने एक्स (x) पोस्ट में दी, उन्होंने कहा, `आज शाम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से उन्हें शुभकामनाएं दीं और एक निजी संदेश सौंपा। राष्ट्रपति पुतिन को उपराष्ट्रपति डेनिस मंतुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से हुई अपनी चर्चाओं से अवगत कराया। दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के उनके मार्गदर्शन की सराहना की।’
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पीएम मोदी की शांतिपूर्ण तरीके से रूस-यूक्रेन विवाद को हल करने की कोशिश
इस बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम मोदी शांतिपूर्ण तरीके से रूस-यूक्रेन विवाद को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कई मौकों पर इसका बार-बार उल्लेख किया। उन्होंने भारत-रूस संबंधों पर बात करते हुए कहा कि हम उर्जा से लेकर प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में एक साथ हैं। हम पेट्रोल के साथ-साथ उच्च तकनीकी क्षेत्र में भी साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में काफी उथल-पुथल के बावजूद रूस और भारत के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने भारतीय नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है।
रूस के विदेश मंत्री मर्गेई लावरोव से की मुलाकात
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री ने रूस के विदेश मंत्री मर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने रणनीतिक साझेदार के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही इंडो-पैसिफिक, यूक्रेन संघर्ष, गाजा स्थिति, अफगानिस्तान और मध्य एशिया, ब्रिक्स, एससीओ, जी20 और संयुक्त राष्ट्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक में लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत ने जी 20 की अध्यक्षता कर अपनी विदेश नीति की ताकत को साबित कर दिया।