देश में किसानों को अब तक 23.58 करोड़ Soil Health Card बांटे जा चुके हैं : अर्जुन मुंडा
भारत सरकार ने वर्ष 2014-15 से कृषि के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सॉइल हेल्थ कार्ड) योजनाएं लागू की हुई है। अब सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट और सॉइल हेल्थ कार्ड योजनाओं को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के सॉइल हेल्थ और फर्टिलिटी फेक्टर के रूप में मिला दिया गया है।
सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट और सॉइल हेल्थ कार्ड योजनाओं को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के सॉइल हेल्थ और फर्टिलिटी फेक्टर के रूप में मिला दिया गया है। भारत सरकार ने वर्ष 2014-15 से कृषि के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सॉइल हेल्थ कार्ड) योजनाएं लागू की हुई है। अब तक किसानों को 23.58 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
अर्जुन मुंडा ने बताया कि योजना के तहत सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कुल 229.95 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें से पिछले पांच वर्षों में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 83.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
क्या है सॉइल हेल्थ कार्ड ?
यहां यह प्रश्न उठता है कि आखिर सॉइल हेल्थ कार्ड है क्या ? तो बताते है कि 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के सूरतगढ़ में राष्ट्रव्यापी ‘राष्ट्रीय मृदा सेहत कार्ड’ (Soil Health Card, SHC) योजना का शुभारंभ किया गया था। सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी में पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है, साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य और इसकी उत्पादकता में सुधार के लिए लागू किए जाने वाले पोषक तत्वों की उचित खुराक पर सिफारिशें भी प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश भर के किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान किये जाने में राज्यों का सहयोग करना है।
कितने सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित हुए ?
इन कार्डों की सहायता से किसान अपने खेतों की मिट्टी के बेहतर स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार के लिये पोषक तत्त्वों का उचित मात्रा में उपयोग करने के साथ ही मिट्टी की पोषक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने जानकारी दी कि अब तक किसानों को 23.58 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)
अब सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट और सॉइल हेल्थ कार्ड योजनाओं को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के सॉइल हेल्थ और फर्टिलिटी फेक्टर के रूप में मिला दिया गया है। बता दें कि योजना वर्ष 2007 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत मिट्टी के स्वास्थ्य के संबंध में समय-समय पर किसानों को विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
7425 किसान मेले और अभियान आयोजित किए जा चुके हैं
मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया कि सॉइल हेल्थ कार्ड (एसएचसी) पर सिफारिशों के आधार पर, जैविक खाद और जैव उर्वरकों के साथ माध्यमिक और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग पर सिफारिशों को अपनाने के लिए किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षण और प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं। अब तक देश भर में मृदा स्वास्थ्य कार्ड सिफारिशों पर 93781 किसान प्रशिक्षण, 6.45 लाख प्रदर्शन, 7425 किसान मेले और अभियान आयोजित किए जा चुके हैं।
सॉइल परीक्षण प्रयोगशाला (Soil Testing Labs)
दरअसल बेहतर फसल उत्पादन एवं मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए संन्तुलित पौध पोषण आवश्यक होती है उचित पौध पोषण के लिए खेत की मिट्टी में उपलब्ध विभिन्न प्रमुख एवं गौण पोषक तत्वों की उपस्थित मात्रा की जानकारी मिट्टी परीक्षण द्वारा ही मिलती है।
मंत्रालय ने बताया कि 2014-15 से, देश भर में कुल 8272 सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाएँ (1068 स्थिर सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाएँ, 163 मोबाइल सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाएँ, 6376 मिनी सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाएँ और 665 ग्राम स्तरीय सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाएँ) स्थापित की गई हैं। योजना के तहत सॉइल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कुल 229.95 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें से पिछले पांच वर्षों में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 83.31 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।