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स्टैंड-अप इंडिया के तहत 84 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को स्वीकृत किए गए : डॉ. भागवत कराड

स्टैंड-अप इंडिया के तहत 84 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को स्वीकृत किए गए : डॉ. भागवत कराड
  • PublishedDecember 19, 2023

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत कुल 44.46 करोड़ ऋणों में से 69 प्रतिशत ऋण महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि स्टैंड-अप इंडिया के तहत स्वीकृत कुल 2.09 लाख ऋणों में से 84 प्रतिशत महिला उद्यमियों (entrepreneurs) को स्वीकृत किए गए हैं।

डॉ. भागवत कराड ने बताया कि इन योजनाओं से महिलाओं का उत्थान होता हैं, और ऋण तक बेहतर पहुंच का असर समाज के विभिन्न वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर पड़ता है। इसकों देखते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से देश भर में योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।

वित्‍त मंत्रालय ने कल एक बयान में वित्त मंत्रालय द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से देश भर में कार्यान्वित की जा रही योजनाएं के बारे में जानकारी दी।

पीएमएमवाई (PMMY)- लघु और सूक्ष्म उद्यमों को आय सृजन गतिविधियों के लिए बिना कुछ गिरवी रखे संस्थागत क़र्ज़ प्रदान करने के लिए 8 अप्रैल 2015 को पीएमएमवाई आरंभ की गई थी। ज्ञात हो कि 10 लाख रुपये तक के ऋण की पेशकश करके, इस योजना का उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और जमीनी स्तर पर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया कि पीएमएमवाई के माध्यम से मिलने वाले सूक्ष्‍म ऋण ने महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया, उनकी कमाई और रोजगार क्षमता को बढ़ाया और इस तरह उन्हें वित्तीय, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त बनाया।

एसयूपीआई योजना (SUPI scheme) – स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरुआत 5 अप्रैल 2016 को आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। इस योजना को वर्ष 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कम से कम एक ऋण महिलाओं और एक ऋण एससी और एसटी उद्यमियों को प्रदान करने का लक्ष्य आवंटित करके, एसयूपीआई ने ऋण प्रदान करने वालों को महिला उद्यमियों को ग्रीन-फील्ड परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो महिलाओं और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में बहुत सफल रहेगा।

इसी तरह पीएम स्वनिधि को 1 जून, 2020 को स्ट्रीट वेंडरों को बिना कुछ गिरवी रखे तीन किश्तों यानी पहली किश्त में 10,000 रुपये तक, दूसरी किश्त में 20,000 रुपये तक, तीसरी किश्त में 50,000 रुपये तक ऋण प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था।

पीएम विश्वकर्मा को 17 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य 18 चिन्हित शिल्‍पों में संलग्‍न पारंपरिक कलाकारों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण, बिना कुछ गिरवी रखे ऋण, आधुनिक उपकरण तक पहुंच, बाजार लिंकेज समर्थन और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से अद्योपांत समग्र सहायता प्रदान करना है। स्वयं सहायता समूह-बैंक लिंकेज कार्यक्रम (एसएचजी-बीएलपी) ने बचत करने, उधार लेने और सामाजिक पूंजी बनाने में महिलाओं की मदद करके उनके जीवन को बेहतर बनाया है।

मंत्रालय ने बतया कि नाबार्ड का सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम (MEDPs) पूर्णतया विकसित ऐसे एसएचजी, जिनको पहले से ही बैंकों की वित्‍तीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्‍त है, को आवश्यकता-आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों (एमईडीपी) में सहायता कर रहा है ।

वहीं दूसरी तरफ आजीविका और उद्यम विकास कार्यक्रम (LEDP) 2015 में शुरू हुआ। यह कृषि और गैर कृषि गतिविधियों में आजीविका के सृजन को बढ़ावा देता है और दो ऋण चक्रों में गहन कौशल निर्माण, पुनश्चर्या प्रशिक्षण, बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज, मूल्य श्रृंखला प्रबंधन, एंड-टू-एंड सॉल्‍यूशन और मार्गदर्शन तथा एस्कॉर्ट सेवाओं में सहायता प्रदान करता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) है। इसको अगस्त, 2014 में बैंकिंग सेवाओं से वंचित प्रत्‍येक वयस्क को सार्वभौमिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। यह योजना निःशुल्क और न्यूनतम शेष राशि रखने की आवश्यकता के बिना बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करती है। जन धन खाते खोलने से समाज के असंगठित वर्गों के बीच विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कवरेज में सुविधा हुई है। कुछ और भी योजनाएं हैं जिन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर असर डाला है।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) 18 से 50 वर्ष की आयु के ऐसे सभी बैंक और डाकघर खाताधारकों को, जो इस योजना से जुड़ते हैं, प्रति ग्राहक प्रति वर्ष 436/- रुपये के प्रीमियम पर दो लाख रुपये का एक वर्ष का जीवन कवर प्रदान करती है, जिसमें किसी भी कारण से मृत्यु शामिल है, और यह नवीकरणीय है।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) 18 से 70 वर्ष की आयु के ऐसे सभी बैंक/डाकघर खाताधारकों के लिए उपलब्ध है, जो इस योजना से जुड़ने/अपने खाते से ऑटो-डेबिट के लिए सहमति देते हैं। योजना के तहत 20 प्रति वर्ष के प्रीमियम पर जोखिम कवरेज दुर्घटना मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता के मामले में 2 लाख रुपये, दुर्घटना के कारण आंशिक स्थायी विकलांगता के लिए 1 लाख रुपये है।

अटल पेंशन योजना (APY) 60 वर्ष की आयु होने के बाद ग्राहकों को 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह के बीच न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी देती है। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में कामगारों के बीच दीर्घायु जोखिमों को दूर करने और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए स्वेच्छा से बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है।