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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, रामबन में राहत कार्य जोरों पर, डीसी बसीर चौधरी स्थिति पर रख रहे हैं नजर

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, रामबन में राहत कार्य जोरों पर, डीसी बसीर चौधरी स्थिति पर रख रहे हैं नजर
  • PublishedApril 22, 2025

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में चल रहे राहत कार्यों के बीच केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि वह बुधवार को जिला मुख्यालय रामबन में स्वयं मौजूद रहेंगे। रविवार को रामबन जिले में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई थी। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का लगभग 4 से 5 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया और मलबे के नीचे कई वाहन दब गए थे।

राहत कार्य पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रामबन जिले में चल रहे राहत कार्यों को लेकर एक पोस्ट की। उन्होंने कहा, “रामबन जिले में राहत कार्य पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं। जिला प्रशासन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। उपायुक्त (डीसी) बसीर चौधरी स्वयं प्रभावित क्षेत्र में हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।”

राष्ट्रीय राजमार्ग को आंशिक रूप से कल तक बहाल करने की संभावना

उन्होंने कहा, “बिजली आपूर्ति की बहाली का कार्य तेजी से चल रहा है। कुल 1762 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर्स (डीटी) में से 1486 को बहाल कर दिया गया है, जबकि शेष 286 डीटी पर काम जारी है। जलापूर्ति की स्थिति भी सुधर रही है। 98 जलापूर्ति योजनाओं (डब्ल्यूएसएस) में से 89 को फिर से चालू कर दिया गया है। बाकी 9 योजनाओं पर जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग को आंशिक रूप से कल तक बहाल करने की संभावना है।”

भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई थी

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “मैं कल (बुधवार को) रामबन जिला मुख्यालय में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने की योजना बना रहा हूं, ताकि प्रशासन के साथ आगे के उपायों पर काम किया जा सके।” बता दें कि रविवार को रामबन जिले में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोगों को बचाया गया।

कई सौ यात्री हाईवे पर फंसे हुए हैं

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का लगभग 4 से 5 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया और मलबे के नीचे कई वाहन दब गए। कई सौ यात्री हाईवे पर फंसे हुए हैं। अधिकारी फंसे हुए यात्रियों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला राहत अभियान का व्यक्तिगत निरीक्षण करने और नुकसान का आकलन करने के लिए सोमवार को हाईवे पर काली मोड़ पहुंचे थे।