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भारत में अल्कोहल की वजह से बढ़ रहे कैंसर मरीज, ये चिंता का विषय : विशेषज्ञ

भारत में अल्कोहल की वजह से बढ़ रहे कैंसर मरीज, ये चिंता का विषय : विशेषज्ञ
  • PublishedFebruary 18, 2025

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों के ज्यादा सेवन को लेकर चेतावनी जारी की है। इसको लेकर भारत के कुछ एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। डब्ल्यूएचओ अल्कोहल को एक विषैला, मनोवैज्ञानिक और लत पैदा करने वाला पदार्थ मानता है, जिसे इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने दशकों पहले ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया था। इसका मतलब है कि यह पदार्थ कैंसर पैदा करने के सबसे बड़े खतरों में से एक है, जैसे एस्बेस्टस, रेडिएशन और तंबाकू।

डॉ. पुनीत गर्ग ने बताया कि अल्कोहल के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ता है

नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के वैस्कुलर इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट और एंडोवैस्कुलर सर्जन डॉ. पुनीत गर्ग ने बताया कि अल्कोहल के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ता है और यह 20 से अधिक प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है। अल्कोहल से होने वाले आम कैंसरों में मुंह, गला, भोजन नली, पेट, बृहदान्त्र, मलाशय और अग्न्याशय के कैंसर शामिल हैं। इसके अलावा, अल्कोहल महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का भी कारण बनती है।

भारत में अल्कोहल के बढ़ते सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ा

ओडिशा के भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सहायक प्रोफेसर डॉ. ताराप्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि भारत में अल्कोहल के बढ़ते सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ा है। अल्कोहल चयापचय (मेटाबॉलिज्म) के दौरान एसिटेल्डिहाइड (एक जहरीला यौगिक जो डीएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकता है) में बदल जाती है। ये डीएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) होता है और कैंसर का विकास शुरू होता है। इसके अलावा, अल्कोहल शरीर के आवश्यक पोषक तत्वों जैसे फोलेट, विटामिन ए, सी, डी और ई को अवशोषित करने की क्षमता को बाधित करती है, ये स्वस्थ कोशिकाओं को बनाए रखने और कैंसर को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

अल्कोहल एक प्रसिद्ध कार्सिनोजेन

अल्कोहल को एक प्रसिद्ध कार्सिनोजेन माना जाता है, जो वैश्विक स्वास्थ्य पर बड़ा असर डालता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में कैंसर के मामलों का लगभग 4 प्रतिशत अल्कोहल के सेवन के कारण होता है। हाल ही में लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में 2020 में लगभग 62,100 नए कैंसर के मामले अल्कोहल के सेवन से संबंधित थे।

अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति मादक पेय पदार्थों पर कैंसर की चेतावनी देने की सिफारिश की

इसके अलावा, अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति ने स्तन, यकृत और बृहदान्त्र के कैंसर को रोकने के लिए मादक पेय पदार्थों पर कैंसर की चेतावनी देने की सिफारिश की है। इससे उपभोक्ताओं को इसके सेवन को लेकर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है और अल्कोहल से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ सकती है।

अल्कोहल का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करता है

विशेषज्ञों का कहना है कि अल्कोहल का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं की पहचान और उनका नाश करने की क्षमता घट जाती है। अल्कोहल का सेवन कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है, जिनमें से प्रत्येक का प्रारंभिक संकेत अलग हो सकता है। मुंह में लगातार छाले, बिना किसी कारण के रक्तस्राव, गाल में गांठ या मोटा होना, निगलने में कठिनाई या गले में खराश जो ठीक नहीं होती, ये मुंह और गले के कैंसर के संकेत हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को एसोफैजियल कैंसर होता है, तो उसे निगलने में कठिनाई, सीने में तकलीफ, वजन कम होना, पुरानी खांसी या स्वर बैठना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लीवर कैंसर में पेट में सूजन, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना), बिना किसी कारण के वजन कम होना, भूख न लगना और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर का जल्दी पता लगाना बेहद महत्वपूर्ण है

स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन या बगल में गांठ, स्तन के आकार में बदलाव, त्वचा में गड्ढे या निप्पल से स्राव होना शामिल हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर का जल्दी पता लगाना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि समय पर इलाज से इसके परिणामों में सुधार हो सकता है। उन्नत उपचारों के साथ, जल्दी पहचान होने पर इलाज और बचने की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं। लेकिन अगर कैंसर का पता देर से चलता है और इसे अनदेखा किया जाता है, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जिसे मेटास्टेसिस कहा जाता है। इन मेटास्टेसिस को सर्जरी और कीमोथेरेपी से निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है।

अल्कोहल का सेवन कम करने से कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है

डॉ. गर्ग ने कहा कि उन्नत चरणों में, कैंसर कोशिकाएं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर करती हैं और मस्तिष्क, यकृत, हृदय, गुर्दे और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए, विशेषज्ञों ने नियमित जांच और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए चिकित्सा पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। वहीं, त्रिपाठी ने कहा कि अल्कोहल का सेवन कम करने से कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अल्कोहल का सेवन किसी भी मात्रा में सुरक्षित नहीं है, क्योंकि सीमित मात्रा में भी अल्कोहल का सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।