Close

Recent Posts

भारत

पेंशनभोगियों और बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का आंकड़ा रिकॉर्ड एक करोड़ के पार : केंद्र सरकार

पेंशनभोगियों और बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का आंकड़ा रिकॉर्ड एक करोड़ के पार : केंद्र सरकार
  • PublishedNovember 27, 2024

भारत में पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सहूलियत के लिए शुरू किए गए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) ने वर्तमान में जारी अभियान “डीएलसी 3.0” में रिकॉर्ड एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि डीएलसी अभियान 3.0 के माध्यम से पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण का प्रधानमंत्री का सपना पूरा हो रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली से राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया। डीएलसी अभियान 3.0 को 1-30 नवंबर, 2024 तक भारत के 800 शहरों तथा कस्बों में आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “डीएलसी अभियान 3.0 के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन को पूरा किया जा रहा है। पेंशन वितरण करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, रक्षा लेखा महानियंत्रक, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, डाक विभाग, आईपीपीबी, यूआईडीएआई और पेंशनभोगी कल्याण संगठनों सहित सभी प्रमुख हितधारक पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पूरी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”

26 नवंबर, 2024 तक 100 लाख डी.एल.सी. तैयार हो चुके हैं, जिनमें से 30,34,218 डी.एल.सी. यानी 30% से अधिक डीएलसी फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से तैयार हुए हैं। डी.एल.सी. अभियान 3.0 के तहत फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से जमा डी.एल.सी. में 202 गुना वृद्धि हुई है।

आपको बता दें, राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 3.0 में सभी राज्यों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। अभियान के भाग के रूप में, सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ 5 विशाल शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें से 3 दिल्ली में, 1 बेंगलुरु में और 1 का आयोजन हैदराबाद में हुआ। 1 से 25 नवंबर, 2024 तक 800 शहरों एवं जिलों में 1984 शिविर आयोजित किए गए हैं, देश भर में 1.8 लाख डाकिए तैनात किए गए हैं।

शिविरों के दौरान पेंशनभोगियों और पेंशनभोगी कल्याण संगठनों ने बताया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का विकास पेंशनभोगियों, विशेषकर वृद्धों, विकलांगों और अस्पताल में भर्ती लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।