केंद्रीय मंत्री सोनोवाल की अगुवाई में समुद्री राज्य विकास परिषद की बैठक, राष्ट्रीय जलमार्ग और बंदरगाह कनेक्टिविटी पर फोकस
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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को शीघ्र संचालित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का निरीक्षण करने के लिए मोरमुगाओ बंदरगाह का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नए टर्मिनल भवन के निर्माण स्थल का दौरा किया और नौका सवारी के साथ बंदरगाह की अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के तहत, केन्द्रीय मंत्री सोनोवाल ने मोरमुगाओ बंदरगाह के परिसर में एक पौधा भी लगाया। सर्बानंद सोनोवाल ने गोवा में होने वाली 20वीं समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री सोनोवाल, 12 और 13 सितंबर 2024 को गोवा में होने वाली समुद्री राज्य विकास परिषद (MSDC) की 20वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहें हैं। भारत के समुद्री भविष्य के लिए 20वीं एमएसडीसी बैठक में कई प्रमुख समुद्री पहलों पर चर्चा की जाएगी। इसका प्राथमिक उद्देश्य सागरमाला कार्यक्रम की समीक्षा, इसकी प्रगति का आकलन और बंदरगाह-आधारित विकास को आगे बढ़ाने के लिए भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना है।
जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह महत्वपूर्ण बैठक भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने, बंदरगाह संपर्क और समुद्री क्षेत्र के लिए सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम तटीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वरिष्ठ मंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को एक साथ लाएगा। इसमें सभी नौ तटीय राज्यों, चार केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं।
सर्बानंद सोनोवाल ने 12 सितंबर को गोवा में होने वाली 20वीं समुद्री राज्य विकास परिषद की बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, बंदरगाह पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय भारत के समुद्री क्षेत्र के रूपांतरण के लिए सागरमाला के तहत गोवा में 24,000 करोड़ रूपए की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को आगे बढ़ा रहा है। समुद्री राज्य विकास परिषद इन पहलों की प्रगति की समीक्षा करेगी, जिसमें समुद्री भारत विजन 2030 और अमृत काल विजन 2047 शामिल हैं, क्योंकि हम अपने भविष्य के लक्ष्यों के साथ तालमेल स्थापित करते हैं। तटीय राज्यों के सभी हितधारकों को एक साथ लाकर, बंदरगाह पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा बनाना है।”
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, “मोरमुगाओ बंदरगाह पर नए क्रूज टर्मिनल के साथ, हम उत्कृष्टता के लिए एक मानक स्थापित कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य ऐसी सुविधाएं प्रदान करना है जो हमें 2030 तक 15 लाख क्रूज पर्यटकों के हमारे लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी।”
बैठक में बंदरगाहों तक सड़क और रेल संपर्क में सुधार करने, माल और यात्रियों की सुगम आवाजाही की सुविधा प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें केरल समुद्री बोर्ड की ड्रेजिंग (तलमार्जन) गतिविधियों के मुद्रीकरण की रणनीति, गुजरात समुद्री बोर्ड की बंदरगाह गतिविधियों से जुड़ी शहरी विकास परियोजनाएं और समुद्री विकास के लिए आंध्र प्रदेश समुद्री बोर्ड के व्यापक मास्टर प्लान सहित अभिनव राज्य-नेतृत्व वाली पहलों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पर्यावरणीय स्थिरता एक प्रमुख विषय होगा, जिसमें गंदे माल (डर्टी कार्गो) की हैंडलिंग पर अंकुश लगाकर गोवा बंदरगाह पर प्रदूषण को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों की अनुपालन स्थिति, जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत उद्योगों को बढ़ावा देने की रणनीतिक योजनाओं, सागरकलान दिशानिर्देशों की समीक्षा और भारत में बंदरगाह रैंकिंग प्रणाली में सुधार पर चर्चा की जाएगी।
उल्लेखनीय है, प्रमुख बंदरगाहों के साथ छोटे बंदरगाहों का एकीकरण और सड़कों, रेलवे एवं अंतर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport) के लिए नए प्रस्ताव एक मजबूत समुद्री अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करेंगे।