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देश में एमपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिला, मरीज को किया आइसोलेट, केंद्र सरकार ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं

देश में एमपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिला, मरीज को किया आइसोलेट, केंद्र सरकार ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं
  • PublishedSeptember 9, 2024

नई दिल्ली में एक युवा पुरुष रोगी की पहचान एमपॉक्स के एक संदिग्ध मामले के रूप में की गई है। इस मरीज ने हाल ही में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के प्रकोप वाले देश से यात्रा की थी। मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में अलग कर दिया गया है और वर्तमान में उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। देश ऐसे अलग-अलग यात्रा संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसके पास किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित तथा कम करने के लिए मजबूत उपाय उपलब्ध हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार (8, सितंबर) को एक बयान जारी कर बताया कि भारत में एक मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज को आइसोलेट किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। इस मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुरूप प्रबंधित किया जा रहा है और संभावित स्रोतों की पहचान करने एवं देश के भीतर प्रभाव का आकलन करने हेतु मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाना जारी है। इस मामले का विकास एनसीडीसी द्वारा पहले किए गए जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है और किसी भी अनुचित चिंता का कोई कारण नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज को दिल्ली में लोक नायक अस्पताल में मंकीपॉक्स भर्ती किया गया है। दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में मंकी पॉक्स के मरीजों के लिए डिजास्टर वार्ड में लगभग 20 बेड आरक्षित किए गए हैं। सरकार के द्वारा दिल्ली में एम्स सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल में भी मंकीपॉक्स मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाया गया है।

उल्लेखनीय है, देश ऐसे अलग-अलग यात्रा संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और उसके पास किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित तथा कम करने के लिए मजबूत उपाय उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने एमपॉक्स के किसी भी मरीज के अलगाव, प्रबंधन और उपचार के लिए राष्ट्रीय राजधानी में 3 केंद्र संचालित अस्पतालों – राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग को नोडल केंद्र के रूप में पहचान की है।

बता दें कि एमपॉक्स संक्रमण आम तौर पर स्व-सीमित होता है, जो दो से चार सप्ताह के बीच रहता है, और इसके मरीज आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं। एमपॉक्स का संचरण संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क से होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इसके बाद भारत में यह पहला मामला है। केंद्र सरकार ने दुनिया में मंकीपॉक्स (Mpox) के बढ़ते मामलों के बीच 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट, एयरपोर्ट के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटे बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया था। इसके अतिरिक्त सभी राज्य सरकारों को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत ऐसे नामित अस्पतालों की पहचान करने के लिए कहा गया है।