भारत और भूटान सीमा शुल्क समूह की बैठक में नए भूमि सीमा शुल्क केंद्र खोलने और तस्करी रोकने पर चर्चा
भारत और भूटान के बीच सीमा-शुल्क पर गठित संयुक्त समूह (जेजीसी) की बैठक में नए भूमि सीमा शुल्क केंद्र खोलने और तस्करी पर लगाम लगाने सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देश भारत और भूटान के बीच पूरकताओं यानी एक दूसरी की जरूरतों को पूरा करने के नए पहलुओं की खोज करने पर सहमत हुए, जिन्हें पारस्परिक लाभ के लिए अधिकतम किया जा सकता है, युवाओं की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं का जवाब दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नई प्रौद्योगिकियों और सामाजिक नवाचारों से संबंधित तेजी से हो रहे बदलावों को अपनाया जा सकता है।
लेह में आयोजित की गई मीटिंग
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया, भारत और भूटान के बीच 5वें संयुक्त सीमा शुल्क समूह (जेजीसी) की बैठक 6 से 7 मई को लेह, लद्दाख में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के विशेष सचिव और सदस्य (सीमा शुल्क) सुरजीत भुजबल और भूटान की शाही सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व और सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक सोनम जामत्शो ने की।
कई द्विपक्षीय मुद्दों पर हुई चर्चा
5वीं जेजीसी बैठक में नए भूमि सीमा शुल्क स्टेशन खोलना और नए व्यापार मार्गों को अधिसूचित करना, बुनियादी ढांचे का विकास, पारगमन प्रक्रियाओं का स्वचालन और डिजिटलीकरण, तस्करी की रोकथाम, समन्वित सीमा पार प्रबंधन, सीमा शुल्क डेटा के आगमन पूर्व आदान-प्रदान, सीमा शुल्क सहयोग पर द्विपक्षीय समझौता और इलेक्ट्रॉनिक कार्गो प्रणाली के तहत पारगमन कार्गो की आवाजाही आदि कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारत भूटान का शीर्ष व्यापारिक भागीदार
ज्ञात हो कि भारत आयात के स्रोत और निर्यात गंतव्य दोनों के रूप में भूटान का शीर्ष व्यापारिक भागीदार है। 2014 के बाद से, भूटान के साथ भारत का व्यापार 2014-15 में 484 मिलियन डॉलर से तीन गुना बढ़कर 2022-23 में 1,615 मिलियन डॉलर हो गया है, जो भूटान के कुल व्यापार का लगभग 80 प्रतिशत है। भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों के माध्यम से भूटान के साथ व्यापार उसके लिए खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि भूटान एक भूमि से घिरा हुआ देश है। भूटान के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाना भारत की ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
संयुक्त सीमा शुल्क समूह की बैठकें होती हैं हर साल आयोजित
दरअसल सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को फिर से परिभाषित करने और फिर से व्यवहारिक बनाने, सीमा शुल्क सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप सीमा पार व्यापार सुविधा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत-भूटान संयुक्त सीमा शुल्क समूह की बैठकें हर साल आयोजित की जाती हैं। ये बैठकें भूमि सीमाओं पर सुचारू सीमा शुल्क निकासी के लिए संपर्क बढ़ाने और व्यापार बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बता दें, पश्चिम बंगाल (6) और असम (4) राज्यों में भारत-भूटान सीमा पर 10 भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (लैंड कस्टम स्टेशन) हैं।