संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी लोगों के लिए भारत ने दो-राज्य समाधान का समर्थन दोहराया
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने दो-राज्य समाधान समर्थन फिर से दोहराया है। इसके तहत फिलिस्तीन के लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं।
रुचिरा कम्बोज ने फिलीस्तीन मुद्दे पर समर्थन की उम्मीद जताई
बीते 18 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश के लिए फिलिस्तीन के आवेदन पर सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य द्वारा वीटो लगाए जाने के बाद बुधवार को यूएनजीए की बैठक में कम्बोज ने उम्मीद जताई है कि फिलिस्तीन की सदस्यता पर उचित समय पर पुनर्विचार किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य को समर्थन प्राप्त होगा।
गौरतलब है कि 18 अप्रैल को अमेरिका ने फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा देने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को रोकने के लिए अपनी वीटो शक्ति का उपयोग किया। संयुक्त राष्ट्र में 12-1 के वोट में, जिसमें से एक अमेरिकी वीटो और दो सदस्यों की अनुपस्थित रही जिसके कारण यूएनएससी यह प्रस्ताव नहीं अपनाया जा सका।
बातचीत के जरिये हो समाधान : रुचिरा कम्बोज
संयुक्त राष्ट्र में रुचिरा कंबोज ने कहा, “मेरे नेतृत्व ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि दोनों पक्षों के बीच सीधी और सार्थक बातचीत के जरिये दो-राज्य समाधान का स्थायी समाधान निकले जिससे शांति स्थापित किया जा सके”।
भारत दो-राज्य समाधान समर्थन के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि भारत दो-राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां फिलिस्तीनी लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकें। उन्होंने अपील किया कि शीघ्र ही सीधी शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा दें।
उन्होंने कहा कि गाजा में संघर्ष करीब छह महीने से अधिक समय से चल रहा है और इससे उत्पन्न मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है। उन्होंने आगे कहा,” इस संघर्ष वाले क्षेत्र और उसके बाहर भी अस्थिरता बढ़ने की संभावना है। इसके लिए हम पिछले महीने यूएनएससी द्वारा प्रस्ताव संख्या 2728 को अपनाने को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं।
गाजा में चल रहे संघर्ष पर भारत की स्थिति को दोहराते हुए कंबोज ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के कारण बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान गई है जिससे मानवीय संकट पैदा हो गया है, जिसे उन्होंने “अस्वीकार्य” करार दिया। उन्होंने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के आतंकवादी हमलों को “चौंकाने वाला” बताया और “स्पष्ट रूप से निंदनीय बताया। आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की स्थिति दीर्घकालिक और अडिग है। उन्होंने कहा कि हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।
उन्होंने स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने की भी अपील की है। कंबोज ने कहा कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और आगे भी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।