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केंद्र सरकार ने जारी किए परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग संबंधी दिशानिर्देश

केंद्र सरकार ने जारी किए परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग संबंधी दिशानिर्देश
  • PublishedFebruary 15, 2024

केंद्र सरकार ने परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग पर पायलट परियोजनाओं के लिए योजना संबंधी दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन जीवाश्म ईंधन के स्थान पर हरित हाइड्रोजन और उसके ऊर्जा मिश्रण के इस्तेमाल की प्रारम्भिक योजना लागू करेगा।

केंद्र सरकार ने परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग पर पायलट परियोजनाओं के लिए योजना संबंधी दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन जीवाश्म ईंधन के स्थान पर हरित हाइड्रोजन और उसके ऊर्जा मिश्रण के इस्तेमाल की प्रारम्भिक योजना लागू करेगा। इन परियोजनाओं को सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नामित एजेंसियों शुरू करेंगी। यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 496 करोड़ रुपये के कुल बजटीय परिव्यय के साथ लागू की जाएगी।

एजेंसियों के माध्यम से लागू किया जाएगा

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार (14 फरवरी) को जारी एक बयान में बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 14 फरवरी को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने “परिवहन क्षेत्र में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन के उद्देश्य से योजना संबंधी दिशानिर्देश” जारी किए हैं। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत, एमएनआरई अन्य पहलों के साथ, परिवहन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव के साथ बदलने के लिए पायलट परियोजनाओं को लागू करेगा। उल्लेखनीय है कि इन पायलट प्रोजेक्ट्स को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और इस योजना के तहत नामित योजना कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) के माध्यम से लागू किया जाएगा।

हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों के विकास को मिलेगा बढ़ावा

मंत्रालय ने कहा कि यह योजना ईंधन सेल-आधारित प्रणोदन प्रौद्योगिकी/ आंतरिक दहन इंजन-आधारित प्रणोदन प्रौद्योगिकी के आधार पर बसों, ट्रकों और चार पहिया वाहनों में ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए टेक्नोलॉजी के विकास को समर्थन देगी। इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास को समर्थन दिया जाएगा। यह योजना परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ऑटोमोबाइल ईंधन में ग्रीन हाइड्रोजन पर आधारित मेथनॉल और इथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन से प्राप्त अन्य सिंथेटिक ईंधन का मिश्रण जैसे हाइड्रोजन के अन्य नए उपयोगों का भी समर्थन करेगी। गौरतलब है की यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 496 करोड़ रुपये के कुल बजटीय परिव्यय के साथ लागू की जाएगी।

4 जनवरी 2023 को शुरू हुआ था राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

विदित हो कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 4 जनवरी 2023 को वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। यह स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से भारत के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में योगदान देगा और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण (क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन) के लिए प्रेरणा के रूप में काम करेगा। इस मिशन से अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय रूप से कार्बन में कमी आएगी, जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत हरित हाइड्रोजन में प्रौद्योगिकी और बाजार का नेतृत्व करने में सक्षम होगा।

परिवहन क्षेत्र में इसका उपयोग बढ़ने की है उम्मीद

उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित पायलट परियोजनाओं के माध्यम से परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग से ईंधन भरने की सुविधाओं और वितरण बुनियादी ढांचे सहित आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन से संबंधित पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना होगी।आने वाले कुछ वर्षों के दौरान ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन लागत में खासी कमी के साथ, परिवहन क्षेत्र में इसका उपयोग बढ़ने की उम्मीद है।