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सिनेमाघरों में 100 दिन चलने वाली पहली फिल्म, जिसने हिंदी सिनेमा को दिया पहला सुपरस्टार, तोड़ दी थी भाषा की सरहद

सिनेमाघरों में 100 दिन चलने वाली पहली फिल्म, जिसने हिंदी सिनेमा को दिया पहला सुपरस्टार, तोड़ दी थी भाषा की सरहद
  • PublishedFebruary 5, 2024

मुंबईः कुछ फिल्में ऐसी बनती हैं, जो सरहदें और भाषा की सीमा पार करते हुए हर दर्शक के दिल में घर कर जाती है. 1969 में रिलीज हुई शर्मिला टैगोर और राजेश खन्ना स्टारर ‘आराधना’ भी उन्हीं फिल्मों में से है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तो बनाए ही साथ ही साथ बॉलीवुड को पहला सुपरस्टार भी दिया. राजेश खन्ना एक दौर में बॉलीवुड के वो सुपरस्टार थे, जिनकी फिल्म रिलीज होने पर सिनेमाघरों के बाहर दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ती थी. यही नहीं उनके घर से बाहर निकलने पर भी फैंस उनकी एक झलक पाने को उनकी गाड़ी का पीछा करने लगते थे.

1969 में रिलीज हुई आराधना हिंदी सिनेमा की ऐसी पहली फिल्म है, जो करीब 100 दिनों तक सिनेमाघरों में लगी रही और इसे देखने वालों की संख्या में कमी ही नहीं आ रही थी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे. फिल्म में राजेश खन्ना-शर्मिला टैगोर के अलावा सुजीत कुमार, अशोक कुमार, फरीदा जलाल, मास्टर शहीद, मदन पुरी जैसे स्टार भी नजर आए थे. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो ब्लॉकबस्टर रही ही, साथ ही कई अवॉर्ड और रिकॉर्ड भी अपने नाम किए.

आराधना के लिए राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर दोनों को फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया. इस फिल्म की सफलता देखने के बाद तमिल और तेलुगू में भी इसका रीमेक बनाया गया. आराधना को राजेश खन्ना के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है. इसके बाद दोनों की जोड़ी ऐसी हिट हुई कि कई फिल्मों में इन्हें साथ देखा गया. फिल्म का गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ भी जबरदस्त हिट रहा था.