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2030 तक 100 मीट्रिक टन कोल गैस उत्पादन के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दो संयंत्रों की स्थापना को कैबिनेट की मंजूरी

2030 तक 100 मीट्रिक टन कोल गैस उत्पादन के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दो संयंत्रों की स्थापना को कैबिनेट की मंजूरी
  • PublishedJanuary 25, 2024

इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। यह कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयला गैसीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड को, दो कोयला गैसीकरण संयंत्र की स्थापना की मंजूरी दी है। जी हां, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने ईसीएल कमांड क्षेत्र में कोयला-से-एसएनजी यानी सिंथेटिक प्राकृतिक गैस परियोजना की स्थापना के लिए और एमसीएल कमांड क्षेत्र में कोयला-से-अमोनियम नाइट्रेट परियोजना की स्थापना के लिए सीआईएल द्वारा इक्विटी निवेश के प्रस्तावों मंजूरी दे दी है।

क्या है उद्देश्य ?

इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ईस्‍टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सोनपुर बाजारी क्षेत्र में कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस बनाने संबंधी परियोजना पर 13 हजार 52 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम

यह कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम है।केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि ओडिशा के झारसुगडा जिले में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में अमोनियम नाइट्रेट बनाने संबंधी परियोजना पर 11 हजार 782 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम है।

2028-29 तक यह परियोजनाएं होंगी चालू

उन्होंने यह भी कहा कि 2028-29 तक यह परियोजनाएं चालू हो जाएंगी। सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के जरिए कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस बनाने संबंधी परियोजना की स्थापना के लिए इक्विटी निवेश के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है। कोल इंडिया लिमिटेड और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड के संयुक्‍त उपक्रम के जरिए कोयले से अमोनियम नाइट्रेट बनाने संबंधी परियोजना की स्थापना के लिए भी स्वीकृति दी गई है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सरकारी उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला तथा लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं की संवर्धन योजना को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन के रूप में इस योजना का परिव्यय आठ हजार पांच सौ करोड़ रुपये रखा गया है।

पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में निवेश को मंजूरी

सरकारी विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के अनुसार सीआईएल और गेल के संयुक्त उद्यम के माध्यम से पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के सोनपुर बाजारी क्षेत्र में सीआईएल द्वारा 1,997.08 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी और प्रस्तावित कोयला-से-सिंथेटिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी) के लिए 13,052.81 करोड़ रुपये के अनुमानित प्रोजेक्ट कैपेक्स के साथ जेवी कंपनी में 51 प्रतिशत इक्विटी निवेश को मंजूरी दी गई है।

ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में निवेश को मंजूरी

ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के लखनपुर क्षेत्र में सीआईएल और बीएचईएल के संयुक्त उद्यम के माध्यम से प्रस्तावित कोयला-से-अमोनियम नाइट्रेट (एएन) के लिए 11,782.05 करोड़ रुपये के अनुमानित प्रोजेक्ट कैपेक्स के साथ सीआईएल द्वारा 1,802.56 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी और जेवी कंपनी में 51 प्रतिशत इक्विटी निवेश को मंजूरी दी गई है।