एम्स ऋषिकेश में दवाएं उपलब्ध कराने के लिए ड्रोन का सफल ट्रायल, चार धाम यात्रा व आपातकालीन स्थिति में सर्विसेस देने को तैयार
ड्रोन प्रोजेक्ट के नियमित संचालन के लिए महिला सशक्तिकरण के तहत दो महिलाओं का चयन किया गया है, जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार एवं एनएचएसआरसी की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ड्रोन तकनीक ने देश की तमाम समस्याओं को हल लेकर आई है। कृषि से लेकर मेडिकल जैसे तमाम क्षेत्र हैं जहां ड्रोन की उपयोगिता ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है। कुछ ऐसा ही एम्स ऋषिकेश ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने व आपात स्थिति में दवाएं उपलब्ध कराने के लिए ड्रोन का सफल ट्रॉयल किया। इसके तहत एम्स संस्थान की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चंबा ड्रोन के माध्यम से टीबी की दवा भेजी गईं। यह ट्रायल एम्स संस्थान ने कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के मार्गदर्शन में किया गया।
ड्रोन का ट्रायल पूरी तरह से सफल
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से ड्रोन से आपात स्थिति में सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में दवा उपलब्ध कराने के लिए गुरुवार को किया गया यह ट्रायल वेंडर सेलेक्शन के तहत किया गया। निदेशक एम्स प्रोफेसर सिंह ने ड्रोन को रवाना किया। ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवा के तहत की गई ड्रोन की यह ट्रायल पूरी तरह से सफल रही।
चार धाम यात्रा व आपातकालीन स्थिति में सर्विसेस देने को तैयार
इस दौरान निदेशक प्रो. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के मद्देनजर महिला सशक्तिकरण के तहत ड्रोन दीदी के नाम से नई फोर्स तैयार की जा रही है, जिसकी सहायता से यह सेवा रेग्युलर शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि ड्रोन के माध्यम से सीएचसी स्तर के अस्पतालों को डायग्नोस्टिक किट, दवाइयां, ब्लड सैंपल आदि भेजे जाएंगे। ड्रोन सेवा से टेलीमेडिसिन कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों को ही जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि संस्थान चार धाम यात्रा व आपातकालीन स्थिति में भी इस तरह की सर्विसेस देने को तैयार है।
25 जनवरी को देश के कई मेडिकल कॉलेजों में एक साथ होगा ट्रायल
संस्थान की ड्रोन सर्विसेस के नोडल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि बृहस्पतिवार को एम्स निदेशक के निर्देश पर ड्रोन से दवा भेजने का ट्रायल किया गया, जो कि सफल रहा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ट्रायल का क्रम जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि आगामी 25 जनवरी को देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में एक साथ ड्रोन से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में दवा भेजे जाने के ट्रायल किए जाएंगे, जो कि एक ऐतिहासिक क्षण होगा। बताया गया कि ड्रोन प्रोजेक्ट के नियमित संचालन के लिए महिला सशक्तिकरण के तहत दो महिलाओं का चयन किया गया है, जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार एवं एनएचएसआरसी की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज के ट्रायल में चंबा में ड्रोन दीदियों ने भी प्रतिभाग किया ।